दिवाली पर SBI ने लोन ब्याज दरों में नहीं किया बदलाव, ग्राहकों को झटका

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का निर्णय

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), ने अक्टूबर 2025 के लिए अपने लोन की ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया है। बैंक ने अपनी एमसीएलआर (MCLR) और रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को पहले की तरह बनाए रखा है।
1 अक्टूबर 2025 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखा गया था। हालांकि, बैंकों को आवश्यकता पड़ने पर अपने लोन की ब्याज दरें घटाने की अनुमति है, क्योंकि इस वर्ष रेपो रेट में 1% (100 बेसिस पॉइंट) की कमी की जा चुकी है, जिसका प्रभाव अभी तक पूरी तरह से नहीं दिखा है।
SBI की नई MCLR दरें
एसबीआई की नई MCLR दरें
बैंक की एमसीएलआर दरें विभिन्न अवधि के लिए 7.90% से 8.85% के बीच हैं।
- ओवरनाइट और 1 महीने की दर: 7.9%
- 3 महीने की दर: 8.3%
- 6 महीने की दर: 8.65%
- 1 साल की दर: 8.75%
- 2 साल की दर: 8.8%
- 3 साल की दर: 8.85%
MCLR की परिभाषा
MCLR क्या होता है?
MCLR, यानी मार्जिन कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लीडिंग रेट, वह आधार दर है, जिसके आधार पर बैंक होम लोन, पर्सनल लोन या कार लोन जैसे फ्लोटिंग रेट लोन पर ब्याज निर्धारित करते हैं। यदि बैंक MCLR को घटाता है, तो ग्राहकों की EMI कम हो सकती है या लोन जल्दी चुकता हो सकता है। हालांकि, नए लोन EBLR (External Benchmark Lending Rate) से जुड़े होते हैं, लेकिन पुराने लोन ग्राहकों के पास MCLR से EBLR में स्थानांतरित होने का विकल्प होता है।
- SBI होम लोन ब्याज दरें (1 अगस्त 2025 से लागू)
- सामान्य होम लोन दरें: 7.50% से 8.70%
- मैक्सगेन ओवरड्राफ्ट लोन दरें: 7.75% से 8.95%
- टॉप-अप होम लोन: 8.00% से 10.75%
- टॉप-अप (OD) लोन: 8.25% से 9.45%
प्रोसेसिंग फीस और FD ब्याज दरें
प्रोसेसिंग फीस
होम लोन और टॉप-अप लोन पर एसबीआई की प्रोसेसिंग फीस लोन राशि का 0.35% है, जो न्यूनतम 3,000 रुपए और अधिकतम 12,000 रुपए (जीएसटी अतिरिक्त) है।
एसबीआई फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) ब्याज दरें
एसबीआई सामान्य ग्राहकों को 3.05% से 6.60% (जिसमें अमृत वृष्टि स्पेशल डिपॉजिट भी शामिल है) ब्याज देता है। सीनियर सिटीज़न के लिए दरें 3.55% से 7.10% तक हैं, जो 7 दिन से 10 साल की अवधि वाले एफडी पर लागू होती हैं। कुल मिलाकर, एसबीआई ने अक्टूबर 2025 में अपनी ब्याज दरों को स्थिर रखा है। इससे संकेत मिलता है कि बैंक अभी बाजार की स्थिति पर नज़र रख रहा है और निकट भविष्य में ब्याज दरों में बदलाव की संभावना सीमित है।