दिल्ली सरकार की जय भीम योजना में भ्रष्टाचार की जांच का आदेश

जय भीम प्रतिभा विकास योजना में भ्रष्टाचार की जांच
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बुधवार को जानकारी दी कि उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने आम आदमी पार्टी (आप) के शासनकाल में 'जय भीम प्रतिभा विकास योजना' में कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए आदेश जारी किए हैं.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में बताया कि 2020-21 में लागू की गई 'जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना' में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि इस योजना के लिए निर्धारित बजट केवल 15 करोड़ रुपये था, जबकि अरविंद केजरीवाल सरकार ने 145 करोड़ रुपये से अधिक के बिलों को मंजूरी दे दी.
इस योजना के अंतर्गत संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों को निजी कोचिंग संस्थानों में मुफ्त कोचिंग प्रदान की जाती है.
एससी/एसटी कल्याण मंत्री रविंदर इंद्राज के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सूद ने कहा कि 2021-22 में कोविड के दौरान निजी कोचिंग संस्थानों को भुगतान के लिए 145 करोड़ रुपये का बिल तैयार किया गया था.
आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर पलटवार करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जांच को 'प्रतिशोध की राजनीति' बताया.
आप ने एक बयान में कहा कि भाजपा ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली जैसी सार्वजनिक सेवाओं के 'कार्यशील मॉडल को बंद कर दिया है' और उन पर प्रतिशोध की राजनीति में लिप्त होने का आरोप लगाया.
पार्टी ने कहा, 'दिल्ली के स्कूलों की हर ईंट और मोहल्ला क्लीनिकों की हर सुई की जांच करें... लेकिन जब आप अपना काम पूरा कर लें, तो कुछ वास्तविक काम करना शुरू करें.'