दिल की बीमारी: बढ़ते मामलों से बचने के उपाय

दिल की बीमारियाँ भारत में तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे लोगों के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। विश्व हृदय दिवस पर, विशेषज्ञों ने दिल की ब्लॉकेज के कारणों, लक्षणों और उपचार के विकल्पों पर प्रकाश डाला है। जानें कि कैसे आप अपने दिल की सेहत का ध्यान रख सकते हैं और किस प्रकार की जीवनशैली अपनाने से दिल के दौरे से बचा जा सकता है। यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर यदि आपके परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास है।
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दिल की बीमारी: बढ़ते मामलों से बचने के उपाय

दिल की बीमारी का बढ़ता खतरा


दिल की बीमारियाँ आजकल एक गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। भारत में, विशेष रूप से, दिल से संबंधित बीमारियों के मामले हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए, अपने दिल का विशेष ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। विश्व हृदय दिवस (World Heart Day 2025) हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है ताकि दिल की सेहत के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।

दिल की बीमारी: बढ़ते मामलों से बचने के उपाय

इस अवसर पर, फोर्टिस अस्पताल, नोएडा-62 के सीनियर डायरेक्टर डॉ. संजीव गेरा ने बताया कि दिल की ब्लॉकेज कितनी खतरनाक हो सकती है। आइए जानते हैं कि डॉक्टर इस बारे में क्या कहते हैं:

दिल की ब्लॉकेज की समस्या क्यों बढ़ रही है?
डॉक्टर ने बताया कि आजकल दिल की ब्लॉकेज एक सामान्य समस्या बन गई है। हमारे देश में ऐसे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके सामान्य कारणों में उच्च कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, मधुमेह, और खराब जीवनशैली शामिल हैं। इसके अलावा, लगातार बैठना, आराम को प्राथमिकता देना, पर्याप्त और गहरी नींद न लेना, शारीरिक श्रम से बचना, तले हुए खाद्य पदार्थ खाना, उच्च कोलेस्ट्रॉल की अनदेखी करना, और छोटी-छोटी बातों पर तनाव लेना भी महत्वपूर्ण कारक हैं।

दिल की ब्लॉकेज के लक्षण
दिल की ब्लॉकेज के लक्षणों में छाती में भारीपन, दबाव, दर्द, कंधे और जबड़े में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, और अत्यधिक पसीना शामिल हैं। यदि आपको उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह, या धूम्रपान की आदत है, तो आपको निश्चित रूप से अपने डॉक्टर द्वारा सुझाए गए परीक्षण करवाने चाहिए, क्योंकि ये सभी दिल की बीमारी के जोखिम कारक हैं। आजकल दिल की बीमारी के लिए कई आधुनिक परीक्षण और उपचार उपलब्ध हैं।

ब्लॉकेज के उपचार के कई विकल्प
दिल की ब्लॉकेज के मामले में, बैलून या स्टेंट के साथ उपचार करना काफी सरल और प्रभावी होता है। यदि ब्लॉकेज गंभीर है या मुख्य धमनियों में है, तो बाईपास सर्जरी की सिफारिश की जाती है। ऐसे मामलों में, सर्जरी का निर्णय एंजियोग्राफी परीक्षण के आधार पर लिया जाता है। आजकल, बिना सर्जरी के पैर के माध्यम से वाल्व को बदला जा सकता है, और मरीज को 24 से 48 घंटों के भीतर छुट्टी दी जा सकती है।

स्वस्थ दिल के लिए ध्यान रखने योग्य बातें
यदि दिल की बीमारी के कोई लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। इसके अलावा, यदि किसी के परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास है, तो उन्हें 25 वर्ष की आयु के बाद संबंधित परीक्षण करवाते रहना चाहिए। थोड़ी सी समझ दिल के दौरे और कार्डियक अरेस्ट को रोक सकती है। सभी को अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार बीपी, शुगर, और कोलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए, साथ ही इकोकार्डियोग्राफी, टीएमटी, ईसीजी, और सीटी एंजियोग्राफी भी।

तंबाकू और धूम्रपान से बचना चाहिए। ये धमनियों को संकुचित कर सकते हैं, जो जानलेवा हो सकता है। गर्भवती महिलाओं को 25वें सप्ताह के बाद अपने रक्तचाप के प्रति सतर्क रहना चाहिए। यदि उन्हें कोई समस्या होती है, तो उन्हें इकोकार्डियोग्राम करवाना चाहिए। कुल मिलाकर, सतर्क रहें, जागरूक रहें, और अपनी जीवनशैली में सुधार करें।

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