टाटा मोटर्स का मार्केट कैप घटा, सेंसेक्स में स्थान संकट में

टाटा मोटर्स वर्तमान में मार्केट में एक कठिन स्थिति का सामना कर रही है, जहां उसका मार्केट कैप डीमर्जर के बाद दो हिस्सों में बंट गया है। सेंसेक्स के दिसंबर रिव्यू से पहले, कंपनी को इंडेक्स से बाहर होने का खतरा है, जिससे इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन को लाभ मिल सकता है। जानें इस स्थिति का क्या प्रभाव पड़ेगा और मार्केट विशेषज्ञों की राय क्या है।
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टाटा मोटर्स का मार्केट कैप घटा, सेंसेक्स में स्थान संकट में

नई दिल्ली में टाटा मोटर्स की स्थिति

नई दिल्ली. मार्केट में तेजी के बावजूद, टाटा मोटर्स वर्तमान में एक कठिन स्थिति का सामना कर रही है। सेंसेक्स के दिसंबर रिव्यू से पहले, कंपनी को इंडेक्स से बाहर होने का खतरा है, क्योंकि अक्टूबर में हुए डीमर्जर के बाद इसका मार्केट कैप दो हिस्सों में विभाजित हो गया है। यह परिवर्तन इतना महत्वपूर्ण है कि इंडेक्स में बने रहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, और इसकी जगह देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन लेने के लिए तैयार है।


डीमर्जर के बाद टाटा मोटर्स का मार्केट कैप

टाटा मोटर्स की यह स्थिति इसलिए उत्पन्न हुई है क्योंकि डीमर्जर के बाद कमर्शियल और पैसेंजर दोनों कारोबार अलग-अलग वैल्यू पर ट्रेड कर रहे हैं। पैसेंजर व्हीकल कारोबार की वैल्यू में वृद्धि हुई है, लेकिन टूटा हुआ स्ट्रक्चर कंपनी को सेंसेक्स में बने रहने के लिए आवश्यक मार्केट कैप रैंकिंग में नीचे ले आया है। इस स्थिति का लाभ इंडिगो को मिल रहा है, जिसका मार्केट कैप दोनों टाटा कारोबारों से काफी अधिक है।


टाटा मोटर्स का मार्केट कैप बंटा

हालिया आंकड़ों के अनुसार, टाटा मोटर्स का कमर्शियल व्हीकल कारोबार अब ₹1.19 ट्रिलियन की वैल्यू पर है, जबकि पैसेंजर व्हीकल कारोबार ₹1.37 ट्रिलियन पर ट्रेड कर रहा है। दूसरी ओर, इंडिगो को ऑपरेट करने वाली इंटरग्लोब एविएशन ₹2.27 ट्रिलियन की वैल्यू पर है, जो इसे सेंसेक्स के बाहर सबसे मजबूत कैंडिडेट बनाती है।


मार्केट एक्सपर्ट की राय

मार्केट विशेषज्ञ ब्रायन फ्रेटस के अनुसार, यदि टाटा मोटर्स को इंडेक्स से हटाया जाता है, तो लगभग ₹2232 करोड़ का पैसिव आउटफ्लो हो सकता है, जबकि इंडिगो को शामिल करने पर उसे लगभग ₹3157 करोड़ का पैसिव इनफ्लो प्राप्त होगा।


ग्रासिम भी रेस में

ऐसी स्थिति भी बन सकती है कि इंडेक्स कमेटी इंडिगो के बजाय ग्रासिम इंडस्ट्रीज को चुन ले, क्योंकि सेंसेक्स में कॉमोडिटी सेक्टर का एक्सपोजर वर्तमान में कम है। यदि ग्रासिम को जगह मिलती है, तो उसे लगभग ₹2526 करोड़ का पैसिव इनफ्लो मिलने का अनुमान है। हालांकि, मार्केट ट्रेंड और वेटेज रिक्वायरमेंट को देखते हुए, इंडिगो का नाम फिलहाल सबसे आगे माना जा रहा है।


जेएलआर पर दबाव

इंडेक्स रिव्यू के बीच, टाटा मोटर्स के पैसेंजर व्हीकल शेयरों पर भी दबाव देखा गया है। सोमवार को स्टॉक इंट्राडे में 7.3 प्रतिशत तक गिरा और दिन के अंत में 4.83 प्रतिशत की गिरावट के साथ ₹372.7 पर बंद हुआ।


यहां सबसे बड़ी चिंता जेएलआर कारोबार को लेकर है, क्योंकि सितंबर में साइबर अटैक के कारण पांच हफ्ते का प्रोडक्शन रुक गया था, जिससे कंपनी को दूसरी तिमाही में $228.5 मिलियन का वन टाइम चार्ज देना पड़ा। रिसर्च फर्म जेफरीज ने चेतावनी दी है कि चीन में टैक्स प्रेशर, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर शिफ्ट होने से जेएलआर के मार्जिन पर और दबाव पड़ सकता है।