जमालगोटा: स्वास्थ्य लाभ और सावधानियाँ
जमालगोटा, जिसे Purgative Croton के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है। इसके बीजों का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में किया जाता है। यह दस्त, कब्ज, और त्वचा रोगों के लिए लाभकारी है, लेकिन इसके हानिकारक प्रभाव भी हो सकते हैं। जानें इसके फायदे, उपयोग और सावधानियों के बारे में इस लेख में।
Jun 28, 2025, 12:02 IST
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जमालगोटा (Purgative Croton) का परिचय
➡ जमालगोटा (Purgative Croton):
- जमालगोटा जिसे कुम्भिबीज, जयपाल, और चक्रदत्त बीज के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सूखे जंगलों में पाया जाता है। इसके बीजों का उपयोग मुख्य रूप से तीव्र विरेचक के रूप में किया जाता है। बीजों का रंग लाल, भूरा, और काला होता है, जबकि अंदर सफेद होता है। इसका स्वाद कड़वा और जलन पैदा करने वाला होता है। यह गर्म प्रकृति का होता है और दस्त लाने में सक्षम है। दूध, मट्ठा, और दही मिलाने से इसके दोष समाप्त हो जाते हैं।
जमालगोटा के गुण
➡ जमालगोटा के गुण:
- यह शरीर को साफ करता है और सर्दी-गर्मी से होने वाले रोगों में लाभकारी होता है। त्वचा की बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। जमालगोटा का तेल भी दस्त लाता है, लेकिन इसकी मालिश से मैथुन शक्ति में वृद्धि होती है। यह बच्चों के डब्बा रोग को ठीक करता है और भूख बढ़ाता है। इसके अलावा, यह कफ और वात को नष्ट करता है।
जमालगोटा को शुद्ध करना
➡ जमालगोटा को शुद्ध करना:
- जमालगोटा को दूध में मिलाकर गर्म करें जब तक चिकनाई समाप्त न हो जाए, तब यह शुद्ध हो जाता है।
जमालगोटा के फायदे
➡ जमालगोटा के फायदे:
- मस्तिष्क ज्वर के लिए: सिर के बाल मुण्डवाकर जैतून के तेल में जमालगोटा का तेल मिलाकर मालिश करें।
- ब्रेन हेमरेज: मक्खन या शहद के साथ जमालगोटा का तेल जीभ के नीचे रखें।
- कब्ज: जमालगोटा के बीज का सेवन करने से दस्त आते हैं।
- पौरुष कमजोरी: जमालगोटा का तेल गुप्त अंग पर लगाने से लाभ होता है।
- मासिकस्राव: जमालगोटा और अन्य औषधियों का चूर्ण बनाकर योनि में रखें।
- नासूर: जमालगोटा का लेप नासूर पर करें।
- गंजापन: नींबू के रस में जमालगोटा के बीज को पीसकर सिर पर लगाएं।
- चर्म रोग: नारियल के तेल में जमालगोटा को पीसकर लेप बनाएं।
- सांप के काटने पर: जमालगोटा का चूर्ण पानी के साथ दें।
- सिर दर्द: जमालगोटा को पीसकर माथे पर लगाएं।
- बिच्छू का दंश: पानी में घिसकर काटे हुए हिस्से पर लगाएं।
- फोड़े-फुंसियां: जमालगोटा और एरण्ड के बीज का लेप करें।
- दमा: जमालगोटा का धुआं नाक द्वारा लें।
जमालगोटा के हानिकारक प्रभाव
➡ जमालगोटा के हानिकारक प्रभाव:
- जमालगोटा दस्त, उल्टी और पेट में जलन पैदा करता है। इसका अधिक सेवन आमाशय और आंतों के लिए हानिकारक होता है।
जमालगोटा के विषैले प्रभाव को समाप्त करने का तरीका
➡ विषैले प्रभाव को समाप्त करने का तरीका:
- गर्म पानी पियें।
- मिश्री, धनिया, दही का सेवन करें।
- बिना घी निकाला छाछ पियें।
जमालगोटा में सावधानियाँ
➡ सावधानियाँ:
- इसके तेल और बिना शुद्ध किए बीजों का प्रयोग न करें।
- गर्भावस्था में इसका उपयोग न करें।
- यह उत्तेजक है, चमड़ी पर लगने पर फोड़े कर सकता है।
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