चांदी के ETF में अचानक गिरावट: निवेशकों के लिए क्या है सही कदम?

चांदी के ETF में गिरावट का कारण

चांदी के ETF में आई भारी गिरावट!
पिछले कुछ महीनों में चांदी और उससे जुड़े एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (सिल्वर ईटीएफ) ने निवेशकों को शानदार लाभ दिया था। कुछ सिल्वर ईटीएफ ने एक साल में 65 से 70 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया। लेकिन, 20 अक्टूबर को दिवाली के दिन चांदी की कीमतों में अचानक गिरावट आई, जिससे निवेशकों को बड़ा झटका लगा। एक ही दिन में सिल्वर ईटीएफ में 7% की कमी आई। अब सवाल यह है कि क्या यह गिरावट चांदी को उचित मूल्य पर ले आई है या यह अभी भी महंगी है?
चांदी की कीमतों में गिरावट का कारण
इस गिरावट के पीछे का कारण समझना जरूरी है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की भौतिक आपूर्ति में सुधार हुआ है, जिससे वैश्विक कीमतें कम हुई हैं। अक्टूबर की शुरुआत में चांदी की स्पॉट प्राइस $40 के पार चली गई थी, लेकिन पिछले हफ्ते कारोबारी तनाव में कमी आई, जिससे चांदी की मांग में कमी आई। 17 अक्टूबर को अमेरिका में चांदी की कीमतों में 6% से अधिक की कमी आई, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। 20 अक्टूबर को भारत में चांदी का भाव ₹1,71,275 से गिरकर ₹1,60,100 पर आ गया।
सिल्वर ईटीएफ में भारी गिरावट
आंकड़ों के अनुसार, 20 अक्टूबर को अधिकांश सिल्वर ईटीएफ में 7% तक की गिरावट आई। निप्पॉन इंडिया सिल्वर ईटीएफ, जिसे SilverBees भी कहा जाता है, में 6.94% की कमी आई। इसी तरह, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल और एक्सिस सिल्वर ईटीएफ में भी भारी गिरावट देखी गई। यह दर्शाता है कि यह केवल एक फंड की समस्या नहीं थी, बल्कि पूरे बाजार में गिरावट आई है। जिन निवेशकों ने हाल ही में ऊंचे दामों पर खरीदारी की थी, उन्हें एक ही दिन में बड़ा घाटा झेलना पड़ा।
क्या अब सही निवेश का समय है?
इस गिरावट का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि चांदी के ईटीएफ अब अपनी वास्तविक कीमत के करीब आ गए हैं। पहले, चांदी की तेजी के दौरान, ईटीएफ अपनी असल कीमत से 10 से 13 प्रतिशत अधिक पर ट्रेड कर रहे थे। लेकिन अब कीमतों में गिरावट के कारण यह प्रीमियम खत्म हो गया है। एनएसई पर निप्पन सिल्वरबीज का ट्रेड प्राइस ₹148.79 है, जबकि आईएनएवी ₹152 है। इसका मतलब है कि अब ये ईटीएफ अपनी सही कीमत या उससे कम पर ट्रेड कर रहे हैं।
म्यूचुअल फंडों की प्रतिक्रिया
जब ये ईटीएफ भारी प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे थे, तब कई बड़े म्यूचुअल फंडों ने अपने सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड्स में लेन-देन बंद कर दिया था। अब प्रीमियम खत्म होने का मतलब है कि बाजार को एक नई दिशा मिल सकती है, जहां जोखिम कम होगा और खरीदारी का अवसर फिर से बन सकता है।