ग्रो के शेयरों में IPO प्राइस से 50% की वृद्धि, निवेशकों के लिए क्या है आगे का रास्ता?

ग्रो के शेयरों ने IPO प्राइस से 50% की वृद्धि दर्ज की है, जिससे निवेशकों में उत्साह है। लिस्टिंग के तीन दिनों में ही शेयरों ने शानदार मुनाफा दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि आगे की वृद्धि की संभावना सीमित हो सकती है। जानें कि निवेशकों को क्या करना चाहिए और ग्रो के व्यवसाय की स्थिति के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।
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ग्रो के शेयरों में IPO प्राइस से 50% की वृद्धि, निवेशकों के लिए क्या है आगे का रास्ता?

ग्रो का शानदार प्रदर्शन

ग्रो के शेयरों में IPO प्राइस से 50% की वृद्धि, निवेशकों के लिए क्या है आगे का रास्ता?

ग्रो ऑन ग्रोथ

ग्रो की मूल कंपनी, बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स, ने अपने निवेशकों को लिस्टिंग के केवल तीन दिनों में शानदार लाभ प्रदान किया है। जिन निवेशकों को शेयर नहीं मिले, वे अब पछता रहे हैं। ग्रो के आईपीओ शेयर 13 नवंबर को 14% अधिक मूल्य पर बाजार में लिस्ट हुए और बाद में 30.94% की वृद्धि के साथ 130.94 पर बंद हुए, जबकि इसका आईपीओ मूल्य 100 था। लिस्टिंग के बाद, शेयर की कीमत 153.50 तक पहुंच गई, जो 50% से अधिक की वृद्धि दर्शाती है। शुक्रवार को, ग्रो के शेयर की कीमत 48% अधिक होकर 148.41 रुपये पर बंद हुई। हालांकि, अपने उच्चतम स्तर से यह स्टॉक निवेशकों को अच्छी कमाई करवा चुका है। अब सवाल यह है कि आगे क्या होगा, आइए विशेषज्ञों की राय पर गौर करते हैं।

ग्रो का व्यवसाय मजबूत है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर की तेज वृद्धि ने इसकी कीमत को बहुत ऊंचा कर दिया है, जिससे भविष्य में गिरावट की संभावना बढ़ गई है। ग्रो भारत का एक प्रमुख रिटेल ब्रोकर है, जिसकी सितंबर 2025 तक सक्रिय ग्राहकों में 26.3% की हिस्सेदारी होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2021 से 2025 तक कंपनी की वृद्धि दर 101.7% सालाना रही है, जो उद्योग की 27% वृद्धि से कहीं अधिक है।

शेयरों की तेजी का कारण

मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, बोनान्जा के रिसर्च विश्लेषक अभिनव तिवारी का कहना है कि मजबूत आंकड़े, तेज यूजर वृद्धि और बेहतरीन डिजिटल सेवाओं के कारण उनका दृष्टिकोण सकारात्मक है। उनका मानना है कि ग्रो की ताकत इसका बड़ा युवा ग्राहक आधार, मजबूत ब्रांड और डिजिटल प्लेटफॉर्म है। हालांकि, वे यह भी मानते हैं कि बिना किसी नई महत्वपूर्ण खबर या बाजार में गिरावट के, निकट भविष्य में बड़े मुनाफे की संभावना कम है। वेंचुरा के रिसर्च प्रमुख विनीत बोलिंजकर का भी यही मानना है कि नए निवेशक इस बढ़ी हुई कीमत पर खरीदने के बजाय, शेयर गिरने पर खरीदारी करें। उनका कहना है कि व्यवसाय अच्छा है, लेकिन इतनी ऊंची कीमत पर गलती की गुंजाइश कम होती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी ऊंची कीमत पर, कंपनी की भविष्य की वृद्धि और मुनाफा काफी हद तक पहले से ही शेयर में समाहित है। इसलिए आगे का रिटर्न इस पर निर्भर करेगा कि कंपनी कितनी नवाचार करती है और अपनी हिस्सेदारी कितनी बढ़ाती है। कंपनी की मुख्य आय ब्रोकरेज से होती है, जो समय-समय पर बदलती रहती है, इसलिए धन प्रबंधन, कमोडिटी, और मार्जिन ट्रेडिंग में कंपनी का विस्तार महत्वपूर्ण होगा।

निवेशकों के लिए सलाह

विश्लेषकों का मानना है कि जिन निवेशकों को आईपीओ में अच्छा लाभ मिला है, वे कुछ हिस्से को बेचकर मुनाफा सुरक्षित कर सकते हैं। बोलिंजकर का कहना है कि शेयर में तेज वृद्धि को देखते हुए, आईपीओ निवेशकों के लिए थोड़ी-सी होल्डिंग बेचकर मुनाफा लेना उचित रहेगा। इससे तेजी का लाभ भी मिलेगा और लंबे समय के लिए निवेश भी बना रहेगा। ग्रो आईपीओ को अंतिम दिन 17.60 गुना अधिक बोली मिली थी। कंपनी ने 3 नवंबर को एंकर निवेशकों से लगभग 2,984 करोड़ रुपये जुटाए थे.