गोल्ड ETF बनाम गोल्ड म्यूचुअल फंड: कौन है बेहतर निवेश विकल्प?
गोल्ड ETF और गोल्ड म्यूचुअल फंड
गोल्ड ETF और गोल्ड म्यूचुअल फंड
हाल के दिनों में सोने की कीमतों में कमी आई है, जिससे कई लोग सोने में निवेश करने की योजना बना रहे हैं। भारत में सोना केवल एक निवेश का साधन नहीं है, बल्कि यह भावनाओं से भी जुड़ा हुआ है और कठिन समय में एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है। अब अधिकांश लोग असली सोना खरीदने और उसकी देखभाल करने की परेशानी से बचने के लिए गोल्ड ETF और गोल्ड म्यूचुअल फंड जैसे डिजिटल विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं। सवाल यह है कि इनमें से कौन सा विकल्प बेहतर है और किससे अधिक लाभ मिलता है?
गोल्ड ETF की विशेषताएँ
गोल्ड ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) सीधे सोने की कीमत को ट्रैक करता है। प्रत्येक यूनिट 1 ग्राम 99.5% शुद्ध सोने के बराबर होती है। इसे शेयर बाजार में खरीदा और बेचा जा सकता है, जिसके लिए डिमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है। ETF का मूल्य दिनभर शेयरों की तरह बदलता रहता है। यदि सोने की कीमत 5% बढ़ती है, तो ETF की कीमत भी लगभग उतनी ही बढ़ जाती है। इसका एक बड़ा लाभ यह है कि इसमें चोरी या शुद्धता की चिंता नहीं होती और आवश्यकता पड़ने पर इसे आसानी से बेचा जा सकता है।
गोल्ड म्यूचुअल फंड की जानकारी
गोल्ड म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए एक सरल विकल्प है जिनके पास डिमैट अकाउंट नहीं है। ये फंड सीधे सोने या गोल्ड ETFs में निवेश करते हैं। आप इसमें SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से छोटी-छोटी राशियों से निवेश शुरू कर सकते हैं। RiddiSiddhi Bullions Ltd. के एमडी पृथ्वीराज कोठारी के अनुसार, नए निवेशकों के लिए गोल्ड म्यूचुअल फंड अधिक सुविधाजनक होते हैं, जबकि ETFs अधिक तरलता और वास्तविक समय में ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करते हैं।
चार्ज और खर्च
गोल्ड ETFs में खर्च अनुपात (0.4%-0.7%) होता है, जो फंड प्रबंधन और प्रशासनिक खर्चों को कवर करता है। इसके अलावा, ब्रोकरेज और डिमैट चार्ज भी हो सकते हैं। वहीं, गोल्ड म्यूचुअल फंड का खर्च थोड़ा अधिक (0.8%-1.5%) होता है, क्योंकि इसमें ETF का खर्च भी शामिल होता है और कभी-कभी एग्जिट लोड या डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन भी लगता है।
पिछले 10 वर्षों में रिटर्न
पिछले एक दशक में, गोल्ड ETF और गोल्ड म्यूचुअल फंड दोनों ने लगभग 13-14% वार्षिक रिटर्न प्रदान किया है। हालांकि, गोल्ड ETFs ने थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया है क्योंकि इनके चार्ज कम होते हैं।
टैक्स नियम
- दोनों निवेशों पर टैक्स नियम समान हैं
- 3 साल से पहले बेचने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG)
- 3 साल बाद बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG)
यदि आप नए निवेशक हैं और आपके पास डिमैट अकाउंट नहीं है, तो गोल्ड म्यूचुअल फंड एक सरल विकल्प हो सकता है। लेकिन यदि आप कम खर्च में बेहतर रिटर्न की तलाश में हैं, तो गोल्ड ETF आपके लिए अधिक लाभकारी साबित हो सकता है।
