गेहूं की फसल के लिए सिंचाई के बाद तरल खाद का सही उपयोग

इस लेख में हम गेहूं की फसल के लिए सिंचाई के बाद तरल खाद के उपयोग के बारे में चर्चा करेंगे। जानें कि किस प्रकार एनपीके और पोटाश का छिड़काव करने से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार हो सकता है। यह जानकारी किसानों के अनुभवों पर आधारित है और कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेने की आवश्यकता पर भी जोर देती है।
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गेहूं की फसल के लिए सिंचाई के बाद तरल खाद का सही उपयोग

गेहूं की फसल


रबी सीजन में गेहूं की फसल को मुख्य फसल माना जाता है, और अधिकांश किसान इसे उगाते हैं। पारंपरिक तरीके से गेहूं की खेती की जाती है, लेकिन समय-समय पर नई तकनीकों का उपयोग भी किया जाता है, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है। किसानों को तब लाभ होता है जब उनकी फसल का उत्पादन अधिक होता है, और सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदती है, जिससे किसान अच्छी फसल उगाने के लिए प्रेरित होते हैं।


सिंचाई के बाद डालें ये दो चीजें

अब हम उन किसानों के लिए जानकारी साझा कर रहे हैं, जो गेहूं की दूसरी सिंचाई कर रहे हैं। सिंचाई के बाद फसल के विकास और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए क्या डालना चाहिए, इस पर ध्यान दें।


  • पहला, यदि किसान ने पहले ही गेहूं की बुवाई की है और अब दूसरी सिंचाई कर रहे हैं, तो उन्हें खेत की मिट्टी की स्थिति देखनी चाहिए। यदि मिट्टी दबाने पर टिकती है, तो एनपीके 18:18:18 का छिड़काव करें। इससे फसल हरी-भरी दिखेगी। 1 किलो लिक्विड एनपीके को 120 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। तरल खाद का उपयोग करना आसान है और यह पत्तियों पर छिड़का जाता है, जिससे जल्दी लाभ मिलता है।
  • दूसरा, पोटाश का छिड़काव करें। 00:00:52 का उपयोग करने से गेहूं के दानों की गुणवत्ता में सुधार होगा। गेहूं चमकदार और भारी होंगे। 1 किलो पोटाश को 150 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें। इससे फसल बेहतर होगी और किसानों को अधिक मूल्य मिलेगा।


महत्वपूर्ण नोट

इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के व्यक्तिगत अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेना आवश्यक है।