गंगा एक्सप्रेसवे: उत्तर प्रदेश के विकास का नया मार्ग

निर्माण की प्रगति
गंगा एक्सप्रेसवे, जो उत्तर प्रदेश के विकास का नया आधार बनने जा रहा है, अब अपने निर्माण के अंतिम चरण में है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा 25 अगस्त को जारी की गई नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना की प्रगति 89% हो चुकी है, और अधिकांश प्रमुख कार्य अंतिम चरण में पहुँच चुके हैं। यह महत्वाकांक्षी परियोजना लगभग 594 किलोमीटर लंबी है, जो मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाती है। इसका उद्देश्य राज्य में यातायात को सुधारना और आर्थिक तथा औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है।
अब तक की प्रगति:
UPEIDA की रिपोर्ट में निर्माण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों का रिकॉर्ड है:
भूमि कार्य (मुख्य सड़क): 99% पूर्ण
कर्ब और गटर (C&G): 100% पूर्ण
ग्रेन्युलर सब-बेस (GSB): 96% पूर्ण
वेट मिक्स मैकडम (WMM): 97% पूर्ण
घनी बिटुमिनस मैकडम (DBM): 96% पूर्ण
संरचनाएँ: 1,489 में से 1,500 पूर्ण
मार्ग और विशेषताएँ
मार्ग और विशेषताएँ
यह एक्सप्रेसवे NH-334 (मेरठ) से शुरू होकर NH-2 बाईपास (प्रयागराज) तक जाता है और 12 जिलों से होकर गुजरता है, जिनमें शामिल हैं:
मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहाँपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज।
इसकी चौड़ाई 6 लेन रखी गई है, जिसे भविष्य में 8 लेन में बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, एक तरफ 3.75 मीटर चौड़ी सेवा सड़क भी बनाई जा रही है ताकि आसपास के गांवों को सुगम स्थानीय कनेक्टिविटी मिल सके।
राज्य के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम
राज्य के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम
इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर 2021 को शाहजहाँपुर में रखी थी। इसे उत्तर प्रदेश के लिए एक 'गेम-चेंजर' माना जा रहा है, क्योंकि यह न केवल यात्रा के समय को कम करेगा बल्कि व्यापार, निवेश और रोजगार के लिए नए अवसर भी लाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, गंगा एक्सप्रेसवे क्षेत्रीय विकास को तेज करेगा, मौजूदा राजमार्गों पर दबाव को कम करेगा और नागरिकों को एक आधुनिक और तेज यात्रा मार्ग प्रदान करेगा।
जैसे-जैसे यह परियोजना अपने समापन की ओर बढ़ रही है, UPEIDA की नवीनतम रिपोर्ट यह संकेत देती है कि इसका उद्घाटन जल्द ही संभव है, जो उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे के विकास की कहानी में एक ऐतिहासिक अध्याय बन सकता है।