क्या 2025 में शेयर बाजार में होगी सांता क्लॉज रैली? जानें निवेशकों के लिए क्या है खास
सांता क्लॉज रैली 2025: निवेशकों की उम्मीदें
सांता क्लाज रैली
सांता क्लॉज रैली 2025: दिसंबर का महीना अपने अंतिम चरण में है और साल 2025 का समापन नजदीक है। क्रिसमस और नए साल के जश्न की तैयारियों के बीच, शेयर बाजार के निवेशक एक महत्वपूर्ण सवाल का सामना कर रहे हैं: क्या उन्हें इस साल के अंत में लाभ मिलेगा? विशेषज्ञों और ऐतिहासिक डेटा के अनुसार, साल के अंतिम दिनों में शेयर बाजार में एक विशेष तेजी देखी जाती है, जिसे 'सांता क्लॉज रैली' कहा जाता है। निवेशक यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि क्या पिछले एक दशक का अनुभव इस बार भी दोहराया जाएगा।
सांता क्लॉज रैली का इतिहास और प्रभाव
अमेरिका से भारत तक, क्या है यह ‘सांता’ कनेक्शन?
सांता क्लॉज रैली की अवधारणा न केवल दिलचस्प है, बल्कि इसका इतिहास भी काफी पुराना है। इस शब्द का पहली बार उपयोग 1972 में याले हिर्श ने किया था, जिन्होंने स्टॉक मार्केट का सीजनल कैलेंडर बनाने में ख्याति प्राप्त की। उन्होंने देखा कि अमेरिकी बाजार में साल के अंतिम 5 कारोबारी सत्रों और नए साल के पहले 2 दिनों में तेजी का रुख रहता है।
यह ट्रेंड केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है, बल्कि भारतीय बाजार में भी इसका प्रभाव स्पष्ट है। सैमको सिक्योरिटीज की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में भी इस 'जादुई' 7 दिनों की अवधि में निवेशकों को लाभ मिलता है। यह केवल संयोग नहीं है, बल्कि आंकड़ों पर आधारित एक मजबूत पैटर्न है।
छोटे शेयरों का बड़ा लाभ
बड़े शेयरों से ज्यादा ‘छोटे’ शेयरों ने किया मालामाल
सैमको सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट जहोल प्रजापति द्वारा 2015 से 2024 तक के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। इस दौरान यह पाया गया कि सांता क्लॉज रैली के समय छोटी और मझोली कंपनियों ने बड़ी कंपनियों की तुलना में निवेशकों को अधिक लाभ दिया है।
पिछले 10 वर्षों में इस विशेष अवधि के दौरान निफ्टी-100 इंडेक्स ने औसतन 1.78% का रिटर्न दिया, जबकि बीएसई मिडकैप इंडेक्स ने 2.63% की कमाई कराई। सबसे शानदार प्रदर्शन बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स का रहा, जिसने औसतन 3.55% का रिटर्न दिया। 2022 में, स्मॉलकैप इंडेक्स ने इसी दौरान 7.23% की वृद्धि की थी।
स्मॉलकैप का निरंतर प्रदर्शन
10 साल में स्मॉलकैप ने कभी नहीं किया निराश
सांता क्लॉज रैली के दौरान स्मॉलकैप इंडेक्स की सफलता दर 100% रही है। इसका मतलब है कि पिछले 10 वर्षों में इस अवधि में स्मॉलकैप इंडेक्स ने कभी भी नकारात्मक रिटर्न नहीं दिया।
वहीं, निफ्टी-100 और बीएसई मिडकैप इंडेक्स की सफलता दर 90% रही है। 2015 में निफ्टी में मामूली गिरावट और 2018 में मिडकैप में हल्की कमी को छोड़कर, हर साल बाजार ने निवेशकों को नए साल का तोहफा दिया है। यह निरंतरता ही निवेशकों को दिसंबर के अंत में खरीदारी के लिए प्रेरित करती है।
छुट्टियों में बाजार की गतिविधि
छुट्टियों में बाजार क्यों भागता है?
आपके मन में यह सवाल उठ सकता है कि जब दिसंबर के अंत में अधिकांश लोग छुट्टियों के मूड में होते हैं, तो बाजार में तेजी क्यों आती है? मार्केट विशेषज्ञ इसके पीछे कई मनोवैज्ञानिक और तकनीकी कारण बताते हैं। सैमको सिक्योरिटीज के अपूर्व सेठ के अनुसार, साल के अंत में विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) आमतौर पर छुट्टियों पर चले जाते हैं, जिससे बाजार में बिकवाली का दबाव कम हो जाता है।
ट्रेडिंग वॉल्यूम कम होने के कारण थोड़ी सी खरीदारी भी शेयर के भाव को ऊपर धकेल देती है। नए साल के आगमन से निवेशकों में सकारात्मक ऊर्जा और नई उम्मीदें होती हैं। बड़े घरेलू संस्थान भी अपनी बुक्स को बेहतर दिखाने के लिए साल के अंत में खरीदारी करते हैं। हालांकि, 2025 के अंत में स्थिति थोड़ी मिश्रित है। निफ्टी अपने रिकॉर्ड हाई से थोड़ा नीचे है और विदेशी निवेशकों की बिकवाली चिंता का विषय है, लेकिन घरेलू निवेशकों की ताकत और एसआईपी का पैसा बाजार को मजबूती दे रहा है।
