केरल में चिकनपॉक्स के मामलों में तेजी, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की चेतावनी

चिकनपॉक्स के बढ़ते मामले

केरल में चिकनपॉक्स
केरल के कोल्लम जिले में चिकनपॉक्स के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। अक्टूबर के अंत तक लगभग 100 मामले सामने आ चुके हैं। मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सतर्कता बरतने का निर्णय लिया है। एक साथ इतने मामलों के आने से अन्य राज्यों में संक्रमण फैलने की आशंका जताई जा रही है। चूंकि चिकनपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है, इसलिए विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। आमतौर पर यह बीमारी बच्चों में होती है, लेकिन केरल में वयस्कों में भी इसके मामले देखे गए हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि कोल्लम जिले में चिकनपॉक्स के मामलों में वृद्धि का कारण भीड़-भाड़ वाले आवासीय क्षेत्रों और संक्रमित व्यक्तियों के निकट संपर्क हो सकता है। जिले के कुछ हिस्सों में संकीर्ण गलियाँ हैं, जहाँ संक्रमण तेजी से फैल रहा है। पहले मामलों की संख्या कम थी, लेकिन अब यह तेजी से बढ़ रहा है। अधिकारियों का मानना है कि मौसम में बदलाव भी इस वायरस के प्रसार में योगदान दे सकता है।
वायरस का प्रसार कैसे होता है
मैक्स हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के डॉ. पीएन चौधरी के अनुसार, चिकनपॉक्स एक वायरस, वेरिसेला-ज़ोस्टर वायरस, के कारण होता है। यह एक अत्यधिक संक्रामक रोग है, जो संक्रमित व्यक्ति की खाँसी और छींक से फैल सकता है। इस वायरस के कारण शरीर पर दाने निकलने लगते हैं, और उन दानों में मौजूद तरल अन्य लोगों में संक्रमण फैला सकता है। आमतौर पर यह बच्चों में हल्के लक्षणों के साथ होता है, लेकिन वयस्कों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों में इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं। गंभीर मामलों में यह निमोनिया का कारण भी बन सकता है।
चिकनपॉक्स के प्रारंभिक लक्षण
हल्का बुखार
सिरदर्द
शरीर पर लाल दाने
पेट दर्द
बचाव के उपाय
यदि टीकाकरण नहीं हुआ है, तो वैक्सीन लगवाना आवश्यक है।
संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाएं।
भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें।
नियमित रूप से हाथ धोते रहें।
यदि बुखार, कमजोरी या दाने निकलने की समस्या हो, तो तुरंत अस्पताल जाएं।