काले गेहूं का आटा: स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद और डिटॉक्स करने वाला

काले गेहूं का आटा, जो झारखंड के नगरी गांव में उगाया जाता है, स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करता है। यह आटा न केवल शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है, बल्कि वजन घटाने और हड्डियों को मजबूत बनाने में भी सहायक है। जानें इसके सेवन की सही विधि और इसके अद्भुत फायदों के बारे में।
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काले गेहूं का आटा: स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद और डिटॉक्स करने वाला

काले गेहूं के आटे के फायदे


रांची। शरीर को डिटॉक्स करना कई लोगों के लिए एक कठिन कार्य हो सकता है, क्योंकि इसके लिए सख्त आहार का पालन करना पड़ता है। तेल और मसालों से बचना पड़ता है, और कभी-कभी केवल फलों पर निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन अब आप रोटी खाकर भी अपने शरीर को डिटॉक्स कर सकते हैं। आज हम आपको एक विशेष आटे के बारे में बताएंगे, जो शरीर की गंदगी को बाहर निकालने में मदद करेगा।


हम बात कर रहे हैं काले गेहूं के आटे की। यह काला गेहूं झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 20 किलोमीटर दूर नगरी गांव में उगाया जाता है। यहां के किसान इस गेहूं की अच्छी पैदावार करते हैं और इसे पीसकर शहर में या विशेष मेलों में बेचते हैं। इस गांव की मिट्टी में उगने वाला काला गेहूं विशेष माना जाता है।


एडवांस बुकिंग की प्रक्रिया
काले गेहूं की खेती करने वाली नीलम देवी बताती हैं कि उनके पास के खेत में काले गेहूं की फसल होती है। जैसे ही गेहूं तैयार होता है, इसकी एडवांस बुकिंग शुरू हो जाती है। खासकर वे लोग जो अपनी सेहत का ध्यान रखते हैं, वे इस आटे की रोटी खाना पसंद करते हैं। इस आटे से बना हलवा भी बहुत स्वादिष्ट होता है।


कीमत और लाभ
नीलम देवी आगे बताती हैं कि गेहूं को पीसकर आटा बनाया जाता है और इसे शहर में या खादी मेले में बेचा जाता है। 1 किलो आटे की कीमत लगभग ₹100 होती है, लेकिन लोग एक बार में 5-6 किलो खरीद लेते हैं। यह आटा शरीर को डिटॉक्स करने और वजन घटाने में मदद करता है, साथ ही हड्डियों को भी मजबूत बनाता है।


सेवन की सलाह
रांची के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. वीके पांडे ने बताया कि काले गेहूं के आटे में उच्च मात्रा में आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, और विभिन्न विटामिन्स जैसे B16, B12, A, और E होते हैं। इसमें उच्च फाइबर भी होता है, जो वजन घटाने में सहायक है और शरीर को डिटॉक्स करता है। हालांकि, इसे हर दिन नहीं खाना चाहिए, बल्कि सप्ताह में दो या तीन बार ही सेवन करना चाहिए, क्योंकि उच्च फाइबर के कारण कब्ज की समस्या हो सकती है।