कर्नाटक में सड़क निर्माण में गुणवत्ता की कमी पर उठे सवाल
कर्नाटक के कोप्पल जिले में एक नई सड़क का निर्माण पूरा होने के छह महीने बाद ही डामर उखड़ने लगा है, जिससे स्थानीय निवासियों में नाराजगी फैल गई है। मंत्री शिवराज तंगदागी ने घटिया निर्माण की स्वीकार्यता जताते हुए ठेकेदारों को पुनर्निर्माण का निर्देश दिया है। इस मुद्दे ने राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जिसमें विपक्षी नेताओं ने सरकार पर नागरिक मुद्दों की अनदेखी का आरोप लगाया है। उपमुख्यमंत्री ने सड़क मरम्मत के लिए 1,100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
Sep 18, 2025, 16:49 IST
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सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल
कर्नाटक के कोप्पल जिले में एक नई सड़क का निर्माण पूरा होने के महज छह महीने बाद ही डामर उखड़ने लगा है, जिससे स्थानीय निवासियों में नाराजगी फैल गई है। यह सड़क मल्लिगावाड़ा क्रॉस से मल्लिगावाड़ा तक लगभग दो किलोमीटर लंबी है। इसकी खराब गुणवत्ता ने विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि यह क्षेत्र कोप्पल जिले के प्रभारी मंत्री शिवराज तंगदागी के निर्वाचन क्षेत्र में आता है। जनता की नाराजगी पर प्रतिक्रिया देते हुए, मंत्री तंगदागी ने स्वीकार किया कि कनकगिरी क्षेत्र में कुछ सड़कों का निर्माण मानक के अनुरूप नहीं था। उन्होंने कहा कि हमने सड़कें बनानी शुरू कर दी हैं, और कुछ कार्यों की गुणवत्ता में कमी है, जिसे मैं मानता हूँ। लेकिन मैंने निर्देश दिए हैं कि इन्हें फिर से डामर किया जाए। यह कार्य उसी ठेकेदार द्वारा किया जाएगा और उसी बजट में।
ठेकेदारों को पुनर्निर्माण का निर्देश
मंत्री ने बताया कि उन्होंने घटिया निर्माण के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों को सड़कों के पुनर्निर्माण का आदेश पहले ही दे दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुनर्निर्माण उसी धनराशि से किया जाएगा जो मूल परियोजना के लिए निर्धारित की गई थी, जिससे सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब कर्नाटक का सड़क बुनियादी ढांचा गंभीर जांच के दायरे में है, और बेंगलुरु में गड्ढों से भरे क्षेत्रों को लेकर आलोचनाएं बढ़ रही हैं। 16 सितंबर को, एक लॉजिस्टिक्स टेक्नोलॉजी कंपनी, ब्लैकबक ने सड़कों की खराब स्थिति के कारण अपने बेलंदूर कार्यालय को छोड़ने की घोषणा की।
राजनीतिक बहस और सरकार की प्रतिक्रिया
इस स्थिति ने तीखी राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जिसमें विपक्षी नेताओं ने राज्य सरकार पर नागरिक मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। वहीं, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने आश्वासन दिया है कि सड़क मरम्मत के लिए 1,100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है और ठेकेदारों को गड्ढे भरने के लिए समय सीमा दी गई है।