उत्तर प्रदेश में परिवहन नेटवर्क में सुधार: 2047 तक की विकास योजना

राज्य में परिवहन सुविधाओं का विकास
उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले आठ वर्षों में राज्य की सड़क और हवाई संपर्क में महत्वपूर्ण सुधारों का दावा किया है, जो 2047 तक के विकास योजना का हिस्सा हैं। सरकारी आंकड़ों और रिपोर्टों के अनुसार, 2017 से पहले धीमी गति से चल रहे परियोजनाएं अब तेजी से पूरी हो रही हैं, जिसमें एक्सप्रेसवे, हाईवे और हवाई अड्डों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
ग्रामीण सड़कों का विस्तार
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत, ग्रामीण सड़कों की कुल लंबाई 2013-14 में 51,549 किमी से बढ़कर 2016-17 में 56,846 किमी हो गई। इसे 2017 से 2024-25 तक 77,425 किमी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास
राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क ने पिछले 20 वर्षों में दोगुना होकर 2004-05 में 5,599 किमी से 2023-24 में 12,292 किमी तक पहुंच गया है। अधिकारियों के अनुसार, इस सुधार ने माल परिवहन को सरल और सस्ता बना दिया है, और यह राज्य को भारत का 'एक्सप्रेसवे राजधानी' स्थापित करने में मदद करेगा।
एक्सप्रेसवे की संख्या में वृद्धि
2017 तक, उत्तर प्रदेश में केवल तीन कार्यशील एक्सप्रेसवे थे, लेकिन अब राज्य में 22 एक्सप्रेसवे हैं, जिनमें से कुछ पूरे हो चुके हैं और कुछ निर्माणाधीन हैं। इनमें पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे शामिल हैं। इसके अलावा, गंगा एक्सप्रेसवे, जेवर लिंक एक्सप्रेसवे, विंध्य एक्सप्रेसवे, चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे और मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे जैसे कई और एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन हैं।
हवाई यात्रा में वृद्धि
उत्तर प्रदेश ने हवाई यात्रा के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि देखी है। राज्य में अब 12 घरेलू और 4 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं, जो 2017 से पहले की सीमित नेटवर्क की तुलना में बहुत अधिक हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 1999 से 2016 के बीच यात्री यातायात केवल 5.5 मिलियन बढ़ा, जबकि पिछले आठ वर्षों में यह आंकड़ा 8.2 मिलियन तक पहुंच गया है। राज्य सरकार का अनुमान है कि 2025 तक उत्तर प्रदेश में वार्षिक यात्री यातायात 1.42 करोड़ तक पहुंच सकता है।
जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
राज्य का सबसे प्रमुख प्रोजेक्ट जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जिसे अधिकारियों के अनुसार एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनने की उम्मीद है। यह परियोजना क्षेत्र में यात्री और माल परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगी।
भविष्य की योजनाएं
इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने 2030 तक एक उत्तर-दक्षिण एक्सप्रेसवे कॉरिडोर बनाने की योजना बनाई है, साथ ही नेपाल सीमा पर ट्रांजिट हब और पर्यटन स्थलों पर रोपवे बनाने का प्रस्ताव भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 2047 तक उत्तर प्रदेश के हर मंडल में एक हवाई अड्डा होना चाहिए। इसके साथ ही, 'ग्रीन' हाईवे, माल परिवहन हब, हेलिपोर्ट और आधुनिक विमानन प्रणालियों के निर्माण की भी योजनाएं हैं।