उत्तर प्रदेश ने राजस्व अधिशेष में हासिल की नई ऊंचाई

उत्तर प्रदेश ने राजस्व अधिशेष में एक नई ऊंचाई हासिल की है, जो इसे आर्थिक मोर्चे पर सबसे आगे लाता है। हालिया CAG रिपोर्ट के अनुसार, राज्य ने ₹37,000 करोड़ का अधिशेष प्राप्त किया है। इस रिपोर्ट में 16 राज्यों की सूची भी शामिल है जो अपने खर्चों के बाद भी धन बचाने में सफल रहे हैं। जानें किन राज्यों को घाटा हो रहा है और कौन से राज्य अपनी आय को मजबूत कर रहे हैं। यह लेख उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति और अन्य राज्यों की वित्तीय स्थिति पर प्रकाश डालता है।
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उत्तर प्रदेश ने राजस्व अधिशेष में हासिल की नई ऊंचाई

उत्तर प्रदेश की आर्थिक सफलता

उत्तर प्रदेश ने राजस्व अधिशेष में हासिल की नई ऊंचाई

उत्तर प्रदेश ने राजस्व अधिशेष में बड़ी उपलब्धि हासिल की है.

कभी बीमारू राज्यों की सूची में शामिल रहे उत्तर प्रदेश ने अब आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। भारत के महालेखाकार (CAG) द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में यह राज्य राजस्व अधिशेष में रहा। इसका अर्थ है कि उत्तर प्रदेश की आय उसके खर्चों से अधिक रही। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश ने ₹37,000 करोड़ का राजस्व अधिशेष प्राप्त किया है। पिछले कुछ वर्षों में, राज्य ने अपनी राजस्व संग्रह प्रणाली और वित्तीय प्रबंधन में उल्लेखनीय सुधार किए हैं, जिससे इसकी अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है।

16 राज्यों ने किया कमाल

सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार, देश में अब 16 राज्य ऐसे हैं जो अपने खर्चों के बाद भी धन बचाने में सफल रहे हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के बाद गुजरात ₹19,865 करोड़, ओडिशा ₹19,456 करोड़, झारखंड ₹13,564 करोड़, कर्नाटक ₹13,496 करोड़, छत्तीसगढ़ ₹8,592 करोड़, तेलंगाना ₹5,944 करोड़, उत्तराखंड ₹5,310 करोड़, मध्य प्रदेश ₹4,091 करोड़ और गोवा ₹2,399 करोड़ शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम भी इस सूची में हैं।

12 राज्य अब भी घाटे में

हालांकि, 12 राज्य अभी भी राजस्व घाटे का सामना कर रहे हैं। इनमें आंध्र प्रदेश (-₹43,488 करोड़), तमिलनाडु (-₹36,215 करोड़), राजस्थान (-₹31,491 करोड़), पश्चिम बंगाल (-₹27,295 करोड़), पंजाब (-₹26,045 करोड़), हरियाणा (-₹17,212 करोड़), असम (-₹12,072 करोड़), बिहार (-₹11,288 करोड़), हिमाचल प्रदेश (-₹6,336 करोड़), केरल (-₹9,226 करोड़), महाराष्ट्र (-₹1,936 करोड़) और मेघालय (-₹44 करोड़) शामिल हैं। इन राज्यों की आय उनके खर्चों को पूरा करने में असमर्थ है।

राजस्व घाटा अनुदान पर निर्भर राज्य

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पश्चिम बंगाल, केरल, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्य अपनी आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केंद्र से मिलने वाले राजस्व घाटा अनुदान पर निर्भर हैं। वित्त वर्ष 2023 में पश्चिम बंगाल को कुल अनुदान का 16% हिस्सा मिला, ताकि वह अपनी आय और खर्च के बीच का अंतर पाट सके। इसके बाद केरल को 15%, आंध्र प्रदेश को 12%, हिमाचल प्रदेश को 11% और पंजाब को 10% अनुदान मिला। यह दर्शाता है कि ये राज्य अभी भी अपनी आर्थिक मजबूती के लिए केंद्र सरकार पर निर्भर हैं।

स्वतंत्रता से बढ़ती कमाई

सीएजी रिपोर्ट में कुछ राज्यों का भी उल्लेख किया गया है, जिन्होंने अपनी टैक्स और गैर-टैक्स आय को मजबूत किया है। हरियाणा ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है, जहां राज्य की कुल आय का 80% से अधिक हिस्सा उसकी खुद की कमाई से आता है। इसके बाद तेलंगाना (79%), महाराष्ट्र (73%), गुजरात (72%), कर्नाटक (69%), तमिलनाडु (69%) और गोवा (68%) ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने केंद्र पर निर्भरता कम करते हुए अपने राजस्व स्रोतों को मज़बूत किया है.