ईरान ने मुद्रा से चार ज़ीरो हटाने का लिया बड़ा फैसला

ईरान ने अपनी मुद्रा से 4 जीरो हटाए

सोचिए, जब आप दूध का पैकेट खरीदने जाएं और आपको भारी मात्रा में नोट ले जाने की जरूरत पड़े। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन ईरान में महंगाई की स्थिति कुछ ऐसी ही हो गई थी। वहां वस्तुओं के दाम इतने बढ़ गए थे कि लोगों को छोटे सामान के लिए भी लाखों में भुगतान करना पड़ रहा था। इसी समस्या का समाधान करने के लिए ईरान की सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जो वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।
ईरान ने अपनी मुद्रा 'रियाल' से चार ज़ीरो हटाने का कानून पारित किया है। इसका अर्थ यह है कि जो नोट आज 10,000 रियाल का है, वह अब केवल 1 रियाल का माना जाएगा। इससे हिसाब-किताब करना काफी सरल हो जाएगा। वर्तमान में 1 डॉलर की कीमत लगभग 11,50,000 रियाल है, लेकिन जीरो हटाने के बाद यह 115 रियाल के करीब हो जाएगी।
ईरान ने इस वजह से लिए ये फैसला
मुद्रा में इतनी बड़ी संख्या होने के कारण रोजमर्रा के कार्यों में कठिनाइयाँ आ रही थीं। महंगाई इतनी बढ़ गई है कि रियाल की कीमत बहुत कम हो गई है। लोग 10,000 और 1,00,000 के नोट लेकर भी छोटी-छोटी चीजें खरीद रहे थे। इससे आर्थिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हो रही थी। हर चीज के दाम में इतने ज़ीरो होते थे कि हिसाब लगाना एक सिरदर्द बन गया था। जब करोड़ों देकर भी मामूली चीजें मिलती थीं, तो पैसे का मान-सम्मान ही खत्म हो जाता था। सरकार ने इन सभी समस्याओं को समाप्त करने और अपनी मुद्रा को फिर से 'इज्जत' दिलाने के लिए यह कदम उठाया है। चार ज़ीरो हटने से संख्याएँ छोटी हो जाएंगी और लेन-देन पहले की तरह सरल हो जाएगा।
पुराने नोट भी चलते रहेंगे
सरकार का यह निर्णय अचानक लागू नहीं होगा। लोगों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए एक विस्तृत योजना बनाई गई है। सरकार ने पुराने नोटों को बदलने और नए नोटों को चलाने के लिए 3 साल का समय निर्धारित किया है। इस अवधि के दौरान पुराने और नए, दोनों प्रकार के नोट बाजार में चलेंगे। कोई भी पुराने नोट लेने से मना नहीं कर सकता। बैंक धीरे-धीरे पुराने नोटों को वापस लेकर उनकी जगह नए नोट जारी करते रहेंगे, ताकि किसी को कोई कठिनाई न हो।
ईरान में अब सस्ता हो जाएगा सामान?
यह सबसे महत्वपूर्ण सवाल है जो हर किसी के मन में आएगा। क्या चार ज़ीरो हटने से ईरान में चीजें सस्ती हो जाएंगी? इसका उत्तर है, नहीं। इसे एक सरल उदाहरण से समझिए। मान लीजिए, आपकी तनख्वाह 20 लाख रियाल है और एक किलो चीनी 20,000 रियाल की है।
पुराने हिसाब से 20 लाख रियाल की तनख्वाह में आप 100 किलो चीनी खरीद सकते थे। अब नए हिसाब के अनुसार, चार ज़ीरो हटने के बाद आपकी तनख्वाह 200 रियाल हो जाएगी और एक किलो चीनी की कीमत 20 रियाल होगी। इसका मतलब है कि आप अभी भी अपनी 200 रियाल की तनख्वाह में 100 किलो चीनी ही खरीद पाएंगे। यानी आपकी खरीदने की क्षमता में कोई बदलाव नहीं आया है। केवल नोटों पर लिखी संख्या बदली है। यह केवल हिसाब को सरल बनाने का एक तरीका है, महंगाई कम करने का नहीं।
वेनेजुएला भी कर चुका है ऐसा फैसला
यह ध्यान देने योग्य है कि ईरान ऐसा करने वाला पहला देश नहीं है। इससे पहले वेनेजुएला ने अक्टूबर 2021 में अपने करेंसी नोटों से 6 ज़ीरो हटा दिए थे।