इनकम टैक्स रिटर्न: संशोधित रिटर्न भरने की प्रक्रिया और महत्वपूर्ण जानकारी

आयकर विभाग ने करदाताओं को सूचित किया है कि 31 दिसंबर तक संशोधित आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि है। यदि आपकी मूल ITR में कोई त्रुटि है, तो आप इसे सुधार सकते हैं। इस लेख में, हम संशोधित ITR की प्रक्रिया, समय सीमा, संभावित गलतियों और दाखिल करने के तरीके के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं। जानें कि कैसे बिना पेनल्टी के संशोधित रिटर्न दाखिल किया जा सकता है और विलंबित ITR से इसका क्या अंतर है।
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इनकम टैक्स रिटर्न: संशोधित रिटर्न भरने की प्रक्रिया और महत्वपूर्ण जानकारी

आयकर विभाग की चेतावनी

इनकम टैक्स रिटर्न: संशोधित रिटर्न भरने की प्रक्रिया और महत्वपूर्ण जानकारी

आयकर विभाग

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है, और अब केवल सात दिन शेष हैं। इस दौरान, आयकर विभाग ने कई करदाताओं को SMS और ईमेल के माध्यम से सूचित किया है कि उनके ITR में दी गई जानकारी में गड़बड़ी के कारण उनका टैक्स रिफंड फिलहाल रोक दिया गया है। विभाग ने इन करदाताओं से अनुरोध किया है कि वे 31 दिसंबर तक संशोधित ITR दाखिल करें।


संशोधित इनकम टैक्स रिटर्न की परिभाषा

जब करदाता पहली बार ITR दाखिल करते हैं, तो कई बार कुछ जानकारी छूट जाती है या गलतियां हो जाती हैं। इन गलतियों को सुधारने का अवसर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139(5) के तहत दिया गया है, जिससे करदाता अपनी छूटी हुई आय, गलत कटौती या गणना की गलतियों को ठीक कर सकते हैं। यदि आपकी मूल ITR में कोई त्रुटि है, तो आप संशोधित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।


संशोधित ITR दाखिल करने की समय सीमा

संशोधित ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि संबंधित असेसमेंट वर्ष के अंतिम दिन होती है। इसलिए, 2025-26 के लिए संशोधित ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 है। इसका उपयोग पहले दाखिल की गई ITR में हुई गलतियों को सुधारने के लिए किया जाता है।


संभवित गलतियां

  • आय का छूट जाना या गलत दिखाना
  • अधिक या गलत कटौती का दावा करना
  • गलत ITR फॉर्म का चयन करना
  • रिफंड की राशि में त्रुटि होना


संशोधित ITR दाखिल करते समय ध्यान देने योग्य बातें

जब आप संशोधित ITR दाखिल करते हैं, तो आपकी पहले की ITR पूरी तरह से बदल जाती है। संशोधित रिटर्न ही आपकी अंतिम ITR मानी जाती है। यदि आपकी मूल ITR पर रिफंड मिल चुका है, तब भी आप निर्धारित समय सीमा के भीतर संशोधित ITR दाखिल कर सकते हैं। यदि आपने गलती से गलत ITR फॉर्म का चयन किया है, तो भी संशोधित रिटर्न दाखिल किया जा सकता है। संशोधित रिटर्न दाखिल करने की कोई सीमा नहीं है, लेकिन यदि असेसिंग अधिकारी ने धारा 143(3) के तहत असेसमेंट पूरा कर लिया है, तो उसके बाद संशोधित ITR दाखिल नहीं किया जा सकता।


संशोधित ITR कैसे दाखिल करें?

  • आयकर की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं: https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/
  • PAN, पासवर्ड और कैप्चा डालकर लॉगिन करें
  • e-File मेन्यू पर क्लिक करें और Income Tax Return चुनें
  • संबंधित असेसमेंट वर्ष और ITR फॉर्म नंबर चुनें
  • Filing Type में Original/Revised Return चुनें
  • Submission Mode में Prepare and Submit Online सेलेक्ट करें
  • ऑनलाइन ITR फॉर्म के General Information टैब में
  • Return Filing Section में Revised return under section 139(5) चुनें
  • Return filing type में Revised चुनें
  • ओरिजिनल रिटर्न का Acknowledgement Number और Date of filing दर्ज करें


क्या संशोधित ITR दाखिल करने पर कोई पेनल्टी लगती है?

संशोधित ITR दाखिल करने पर कोई पेनल्टी नहीं लगती है। हालांकि, यदि आपकी असली टैक्स देनदारी पहले दिखाई गई राशि से अधिक होती है, तो आपको ब्याज के रूप में कुछ अतिरिक्त राशि चुकानी पड़ सकती है।


संशोधित ITR और विलंबित ITR में अंतर

संशोधित ITR तब दाखिल किया जाता है जब मूल ITR में कोई वास्तविक गलती हो और उसे ठीक करना हो। जबकि विलंबित ITR तब दाखिल होती है जब निर्धारित तिथि तक ITR दाखिल नहीं की जाती। संशोधित ITR के मामले में पहले से एक मूल ITR मौजूद होती है, जबकि विलंबित ITR स्वयं ही मूल ITR मानी जाती है। विलंबित ITR पर ₹1,000 से ₹5,000 तक की पेनल्टी लग सकती है, जबकि संशोधित ITR पर कोई पेनल्टी नहीं लगती।