इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग: गलती सुधारने का मौका और विकल्प

इस लेख में जानें कि कैसे आप अपनी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में हुई गलतियों को सुधार सकते हैं और यदि आपने समय पर ITR फाइल नहीं किया है तो आपके पास क्या विकल्प हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR फाइलिंग की डेडलाइन के बाद भी राहत के अवसर उपलब्ध हैं। जानें कि संशोधित, बिलेटेड और अपडेटेड रिटर्न के माध्यम से आप अपनी टैक्स देनदारी को कैसे प्रबंधित कर सकते हैं।
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इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग: गलती सुधारने का मौका और विकल्प

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग: गलती सुधारने का मौका और विकल्प

इनकम टैक्स रिटर्न

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग: अधिकांश लोग इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) जमा करने के बाद राहत महसूस करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यदि आपके ITR में कोई त्रुटि रह जाए तो क्या होगा? चिंता न करें, वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए बिना ऑडिट वाले ITR भरने की अंतिम तिथि 16 सितंबर 2025 को समाप्त हो गई है, लेकिन आयकर विभाग ने अभी भी एक राहत का अवसर प्रदान किया है। यदि आपने कोई गलती की है या ITR फाइल करना भूल गए हैं, तो आपके पास 31 दिसंबर 2025 तक का समय है। इस तिथि तक आप अपने रिटर्न में सुधार कर सकते हैं और यदि आपने फाइल नहीं किया है तो आप इसे देर से भी जमा कर सकते हैं।

गलतियों को सुधारने का अंतिम अवसर

ITR फाइल करते समय अक्सर छोटी-छोटी गलतियाँ हो जाती हैं। हो सकता है कि आपने अपनी आय का कोई स्रोत दर्ज करना भूल गए हों या टैक्स कटौती (Tax Deduction) का दावा करना न किया हो। कभी-कभी व्यक्तिगत जानकारी भी गलत हो जाती है। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139(5) के तहत, विभाग ऐसी सभी त्रुटियों को सुधारने का अवसर देता है। इसे संशोधित ITR (Revised ITR) कहा जाता है।

संशोधित ITR फाइल करने की प्रक्रिया सरल है

  • सबसे पहले आयकर पोर्टल पर लॉग इन करें।
  • ‘e-File’ सेक्शन में ‘Income Tax Return’ पर जाएं।
  • ‘File Income Tax Return’ का चयन करें और सही असेसमेंट वर्ष (Assessment Year) चुनें।
  • गलती सुधारने के लिए धारा 139(5) के तहत ‘Revised Return’ विकल्प चुनें।
  • यहाँ आपको अपने मूल ITR का एक्नॉलेजमेंट नंबर (Acknowledgement Number) भरना होगा, फिर त्रुटियाँ सुधारनी होंगी।

ध्यान रखें, यदि संशोधित रिटर्न फाइल करने पर आपकी टैक्स देनदारी बढ़ती है, तो आपको अतिरिक्त टैक्स पर ब्याज भी देना होगा। यह ब्याज उसी दिन से गिना जाएगा जब टैक्स चुकाना था। आप यह संशोधित ITR 31 दिसंबर 2025 तक, या आपके असेसमेंट (Assessment) के पूरा होने से पहले, जो भी पहले हो, फाइल कर सकते हैं। अच्छी बात यह है कि रिफंड मिलने के बाद भी आप इसे संशोधित कर सकते हैं।

यदि ITR फाइल करना भूल गए हैं तो क्या करें?

जिन लोगों ने 16 सितंबर 2025 की डेडलाइन चूक दी है, उनके लिए अभी भी एक विकल्प है, बिलेटेड रिटर्न (Belated Return)। आप इसे भी 31 दिसंबर 2025 तक फाइल कर सकते हैं। लेकिन देर से फाइल करने पर पेनल्टी (Penalty) लगेगी।

  • ₹5 लाख से अधिक वार्षिक आय वालों को ₹5,000 की लेट फीस देनी होगी।
  • ₹5 लाख से कम आय वालों के लिए यह पेनल्टी ₹1,000 होगी। (धारा 234F के तहत)

जुर्माने के साथ-साथ, बकाया टैक्स पर आपको हर महीने 1% का ब्याज भी चुकाना पड़ेगा। बिलेटेड रिटर्न में कुछ सीमाएँ हैं। आप टैक्स रीजीम (Tax Regime) नहीं बदल सकते—यानी पुराने से नए या नए से पुराने रीजीम में स्विच नहीं कर पाएंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात, समय पर रिटर्न न भरने से आप भविष्य के लिए नुकसान (Losses) कैरी फॉरवर्ड करने और कुछ डिडक्शन का लाभ लेने का मौका भी गंवा देते हैं।

अंतिम विकल्प ‘अपडेटेड रिटर्न’ (ITR-U)

मान लीजिए आप 31 दिसंबर की तारीख भी चूक गए, तो आपके पास अंतिम विकल्प है अपडेटेड रिटर्न (Updated Return) या ITR-U। इसे धारा 139(8A) के तहत भरा जा सकता है। लेकिन यह विकल्प आपको केवल टैक्स देनदारी बढ़ाने के लिए दिया गया है, यानी आप इसके जरिए कोई नई डिडक्शन क्लेम करके अपनी टैक्स लायबिलिटी घटा नहीं सकते। इसमें पेनल्टी भी बहुत अधिक होती है, जो फाइलिंग के समय पर निर्भर करती है।

फाइलिंग टाइमलाइन (संबंधित असेसमेंट वर्ष के खत्म होने के बाद) अतिरिक्त पेनल्टी (टैक्स और ब्याज पर)
12 महीने के भीतर 25%
12 से 24 महीने के बीच 50%
24 से 36 महीने के बीच 60%
36 से 48 महीने के बीच 70%

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ITR फाइल न करना या गलत जानकारी देना आपको गंभीर समस्याओं में डाल सकता है। विभाग नोटिस भेज सकता है, रिफंड अटक सकता है, और टैक्स की राशि ₹25 लाख से अधिक होने पर 6 महीने से 7 साल तक की जेल भी हो सकती है।