आरबीआई ने एमपीसी बैठक में न रखी लोन ईएमआई में कमी, महंगाई अनुमान घटाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाल ही में अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में कोई कमी नहीं करने का निर्णय लिया है। इस बैठक में महंगाई के अनुमान को घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया गया है। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे की रणनीति और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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आरबीआई ने एमपीसी बैठक में न रखी लोन ईएमआई में कमी, महंगाई अनुमान घटाया

आरबीआई की नई नीति पर अपडेट

आरबीआई ने एमपीसी बैठक में न रखी लोन ईएमआई में कमी, महंगाई अनुमान घटाया


भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में आम जनता को एक बड़ा झटका देते हुए पॉलिसी रेट में कोई कमी नहीं करने का निर्णय लिया है। इस बैठक में आरबीआई के 6 में से 5 सदस्यों ने रेपो रेट को स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया। वर्तमान में, रेपो रेट 5.50 प्रतिशत है। इससे पहले अगस्त में भी आरबीआई ने पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। कई अर्थशास्त्रियों को उम्मीद थी कि आरबीआई 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।


महंगाई और टैरिफ के कारण ग्रोथ में संभावित गिरावट के कई कारण थे, जिनके चलते रेपो रेट में कटौती की जा सकती थी। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि रेपो रेट में कमी न करने का निर्णय रणनीतिक है। उनका कहना है कि इस वित्त वर्ष में ग्रोथ में कोई लाभ नहीं दिखता। आरबीआई गवर्नर ने संकेत दिए हैं कि दिसंबर में पॉलिसी में कटौती हो सकती है। इस साल आरबीआई पहले ही रेपो रेट में 1 प्रतिशत की कमी कर चुका है, जिसमें फरवरी और अप्रैल में 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती और जून में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती शामिल है।


महंगाई के अनुमान में कमी


आरबीआई ने अपनी एमपीसी बैठक में महंगाई के अनुमान में भी महत्वपूर्ण कमी की है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष में महंगाई के अनुमान को 0.50 प्रतिशत घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया गया है। अगस्त की बैठक में यह अनुमान 3.1 प्रतिशत था, जो पहले 3.7 प्रतिशत था। इसका मतलब है कि आरबीआई लगातार महंगाई के अनुमान में कमी कर रहा है।