आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक और श्रीराम फाइनेंस पर लगाया जुर्माना

आरबीआई द्वारा जुर्माना लगाने की जानकारी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एचडीएफसी बैंक पर भारत में विदेशी निवेश से जुड़े कुछ मानदंडों के उल्लंघन के लिए 4.88 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड पर भी ‘भारतीय रिजर्व बैंक (डिजिटल ऋण) निर्देश, 2025’ के कुछ प्रावधानों का पालन न करने के लिए 2.70 लाख रुपये का दंड लगाया है।
आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक को एक ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया था, जिसके जवाब में बैंक ने लिखित और मौखिक स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया।
आरबीआई ने कहा, “मामले के तथ्यों और एचडीएफसी बैंक द्वारा दिए गए उत्तर पर विचार करने के बाद, यह निष्कर्ष निकाला गया कि उल्लंघन सिद्ध हो गए हैं और जुर्माना लगाना उचित है।”
श्रीराम फाइनेंस का वैधानिक निरीक्षण आरबीआई द्वारा 31 मार्च, 2024 तक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किया गया था।
केंद्रीय बैंक के निर्देशों का पालन न करने के आधार पर कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उसे कारण बताने के लिए कहा गया था कि क्यों उस पर जुर्माना न लगाया जाए।
कंपनी के जवाब, अतिरिक्त स्पष्टीकरण और मौखिक सुनवाई के दौरान प्रस्तुत स्पष्टीकरण पर विचार करने के बाद, आरबीआई ने पाया कि कंपनी के खिलाफ आरोप सही हैं, जिसके लिए मौद्रिक जुर्माना आवश्यक है।
आरबीआई ने यह भी बताया कि कंपनी ने ऋण भुगतान तीसरे पक्ष के खाते के माध्यम से किया, जबकि ऋण की राशि सीधे कंपनी के खाते में जमा की गई थी।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि दंड नियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य संस्थाओं द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी लेनदेन या समझौते की वैधता पर निर्णय देना नहीं है।