अनिल अग्रवाल का वेदांता में बड़ा निवेश, एल्यूमिनियम उत्पादन बढ़ाने की योजना

वेदांता लिमिटेड, जो भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम निर्माता कंपनी है, ने अपने उत्पादन को 2.4 मिलियन टन से बढ़ाकर 3.1 मिलियन टन करने के लिए 13,226 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। यह विस्तार वित्तीय वर्ष 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है। कंपनी की रणनीति में एल्यूमिनियम व्यवसाय को प्राथमिकता दी गई है, जिससे भारत में इस धातु की मांग में वृद्धि की उम्मीद है। जानें इस योजना के पीछे की वजहें और वेदांता की भविष्य की योजनाएं।
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अनिल अग्रवाल का वेदांता में बड़ा निवेश, एल्यूमिनियम उत्पादन बढ़ाने की योजना

वेदांता का विस्तार योजना

अनिल अग्रवाल का वेदांता में बड़ा निवेश, एल्यूमिनियम उत्पादन बढ़ाने की योजना

वेदांता भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम निर्माता कंपनी है.

अनिल अग्रवाल के नेतृत्व में वेदांता लिमिटेड अपने एल्यूमिनियम उत्पादन की क्षमता को 2.4 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) से बढ़ाकर 3.1 मिलियन टन प्रति वर्ष करने की योजना बना रही है। इसके लिए कंपनी 13,226 करोड़ रुपये का निवेश करने का निर्णय लिया है। यह लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2028 (FY28) तक हासिल करने का इरादा है।

रिपोर्टों के अनुसार, वेदांता लिमिटेड अपनी विकास रणनीति में एल्यूमिनियम व्यवसाय को प्राथमिकता दे रही है। इस विस्तार योजना के तहत, कंपनी अगले कुछ वर्षों में 13,226 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। स्टील के बाद, एल्यूमिनियम दुनिया में दूसरी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली धातु है, और यह इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, नवीकरणीय ऊर्जा, शहरी विकास और एयरोस्पेस जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

वेदांता की प्रमुख स्थिति

वेदांता भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम निर्माता कंपनी है और घरेलू बाजार में इसकी हिस्सेदारी 50% से अधिक है। कंपनी का लक्ष्य है कि FY28 तक समूह स्तर पर 8 से 10 अरब डॉलर (EBITDA) के लक्ष्य में एल्यूमिनियम सबसे बड़ा योगदानकर्ता बने। रिपोर्टों के अनुसार, कंपनी की एल्यूमिनियम क्षमता FY26 तक 2.75 मिलियन टन प्रति वर्ष और FY28 तक 3.1 मिलियन टन प्रति वर्ष तक पहुंच जाएगी।

उत्पादन लागत में कमी

वेदांता की BALCO (भारत एल्युमिनियम कंपनी), जिसमें कंपनी की बहुमत हिस्सेदारी है, जल्द ही 1 मिलियन टन उत्पादन क्षमता क्लब में शामिल होने जा रही है। कंपनी ने उत्पादन लागत को कम करने पर विशेष ध्यान दिया है। पिछले 11 तिमाहियों में, एल्यूमिनियम उत्पादन की लागत में लगभग 24% (लगभग 641 डॉलर प्रति टन) की कमी आई है। यह सुधार कंपनी की Lanjigarh Refinery के विस्तार और कोयला खदानों के एकीकरण के कारण संभव हुआ है।

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भारत में एल्यूमिनियम की बढ़ती मांग

वेदांता का एल्यूमिनियम कारोबार पूरी तरह से कैप्टिव ऑपरेशंस पर निर्भर है। यह वैश्विक स्तर पर आम नहीं है, लेकिन इससे कंपनी को राजनीतिक अस्थिरता वाले माहौल में मजबूती और कम लागत पर उत्पादन बनाए रखने में मदद मिलती है। भारत में आने वाले वर्षों में GDP की तेज वृद्धि के चलते एल्यूमिनियम की मांग में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद है। सरकार की कई योजनाएं जैसे मेक इन इंडिया, 100% ग्रामीण विद्युतीकरण, हाउसिंग फॉर ऑल और स्मार्ट सिटीज़ मिशन देश में इस धातु की खपत को और बढ़ाएंगी।