TDS और TCS: जानें इन दोनों टैक्स की विशेषताएँ और अंतर

TDS और TCS का परिचय
TDS vs TCS: भारत में टैक्स प्रणाली में टीडीएस (TDS) यानी टैक्स डिडक्शन ऐट सोर्स और टीसीएस (TCS) यानी टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। टीडीएस तब लागू होता है जब आपको वेतन, किराया या ब्याज प्राप्त होता है, और यह राशि सीधे काट ली जाती है। दूसरी ओर, टीसीएस तब लागू होता है जब विक्रेता जैसे लग्जरी गाड़ी, शराब, या अन्य वस्तुएं बेचते समय ग्राहक से अतिरिक्त कर वसूलता है। इन दोनों तरीकों से सरकार को समय पर टैक्स प्राप्त होता है और टैक्स चोरी की संभावना कम होती है। आइए समझते हैं कि टीडीएस और टीसीएस हमारी दैनिक जिंदगी में कैसे जुड़े हुए हैं और हर नौकरी करने वाले को टीडीएस क्यों देना होता है।
टीडीएस क्या है और यह कब लागू होता है?
टीडीएस उस राशि को संदर्भित करता है जो वेतन या किराए जैसे भुगतान से पहले कटौती की जाती है। इससे सरकार को पहले से ही टैक्स का पैसा मिल जाता है, जिससे टैक्स चोरी की संभावना कम होती है। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी कंपनी में कार्यरत हैं, तो कंपनी आपके वेतन से टीडीएस काटकर उसे सीधे सरकार को भेज देती है।
टीडीएस दर
टीसीएस क्या है और इसे कौन जमा करता है?
टीसीएस एक ऐसा टैक्स है जो विक्रेता द्वारा सामान या सेवा की बिक्री पर खरीदार से अतिरिक्त राशि के रूप में वसूला जाता है। यह राशि सरकार को जमा की जाती है, जिससे टैक्स चोरी की संभावना कम होती है। टीसीएस का दायरा तेंदूपत्ता, शराब, लग्जरी कारें, और अन्य वस्तुओं पर लागू होता है।
टीसीएस दर
टीडीएस और टीसीएस में अंतर
टीडीएस वह टैक्स है जो भुगतानकर्ता द्वारा दिया जाता है, जबकि टीसीएस विक्रेता द्वारा जमा किया जाता है। टीडीएस आमदनी पर लागू होता है, जबकि टीसीएस विशेष वस्तुओं पर। दोनों का क्रेडिट आपके PAN में होता है और फॉर्म 26AS में दर्ज होता है, जो करदाता की आय पर सोर्स पर कर कटौती का वार्षिक विवरण है।
बजट 2025 में थ्रेशोल्ड लिमिट की सीमा बढ़ी
वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में टीडीएस और टीसीएस की थ्रेशोल्ड लिमिट को बढ़ा दिया गया है। वरिष्ठ नागरिकों को इंटरेस्ट से होने वाली 1 लाख रुपये तक की कमाई पर टीडीएस नहीं देना पड़ता है। किराए से होने वाली कमाई पर 6 लाख रुपये तक टीडीएस से छूट है। डिविडेंड और म्यूचुअल फंड पर सीमा 10,000 रुपये है। टीसीएस और एलआरएस (Liberalised Remittance Scheme) की थ्रेशोल्ड लिमिट 10 लाख रुपये है।
क्या हर नौकरी करने वालों का TDS कटता है?
नहीं, सभी नौकरी करने वालों की सैलरी से TDS नहीं कटता है। यदि आपकी सालाना आमदनी बेसिक टैक्स-फ्री स्लैब (जैसे 2.5 लाख रुपये पुराने टैक्स सिस्टम में या न्यू टैक्स सिस्टम चुनने पर 4 लाख) से अधिक है, तो आपका एंप्लॉयर हर महीने वेतन पर TDS काटकर जमा करेगा।
25,000 की सैलरी पर कितना है टीडीएस?
33,333 रुपये तक की सैलरी पर टीडीएस नहीं कटता है। न्यू टैक्स सिस्टम चुनने पर सालाना 4 लाख रुपये तक की कमाई पर टीडीएस नहीं कटता है, जबकि पुराने टैक्स सिस्टम में 2.5 लाख रुपये तक की कमाई पर टीडीएस में छूट है।