SBI FD: पत्नी के नाम निवेश से कमाएं अधिक ब्याज

इस लेख में जानें कि कैसे आप अपनी पत्नी के नाम पर SBI की फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करके अधिक ब्याज कमा सकते हैं। हम आपको बताएंगे कि 2 लाख रुपये के निवेश पर मैच्योरिटी पर आपको कितना धन मिलेगा और टैक्स बचाने के तरीके भी साझा करेंगे। यह जानकारी आपके वित्तीय निर्णयों में मददगार साबित हो सकती है।
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SBI FD: पत्नी के नाम निवेश से कमाएं अधिक ब्याज

पत्नी के नाम SBI FD में निवेश के लाभ

SBI FD: पत्नी के नाम निवेश से कमाएं अधिक ब्याज


SBI FD पत्नी के नाम: यदि आप विवाहित हैं, तो आप अपनी पत्नी के नाम पर निवेश करके ब्याज से अच्छा लाभ कमा सकते हैं। विभिन्न बैंकों और पोस्ट ऑफिस में आप अपनी पत्नी के नाम पर निवेश कर सकते हैं। आज हम आपको भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में निवेश के एक विकल्प के बारे में जानकारी देंगे।


आप SBI की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में अपनी पत्नी के नाम पर निवेश करके सुनिश्चित रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। हम आपको 2 से 3 साल की अवधि की FD स्कीम के बारे में बता रहे हैं, जिसमें वर्तमान में 6.45% की ब्याज दर मिल रही है। आइए जानते हैं कि यदि आप अपनी पत्नी के नाम पर 35 महीने के लिए 2,00,000 रुपये का निवेश करते हैं, तो मैच्योरिटी पर आपको कितना धन प्राप्त होगा।


मैच्योरिटी पर 2,41,034 रुपये प्राप्त होंगे


FD कैलकुलेटर का उपयोग करके आप आसानी से रिटर्न की गणना कर सकते हैं। SBI 2 से 3 साल की FD पर 6.45% की ब्याज दर दे रहा है। यदि आप 200000 रुपये का निवेश करते हैं, तो मैच्योरिटी पर आपको 2,41,034.90 रुपये मिलेंगे। इसमें 41,034.90 रुपये का फिक्स रिटर्न होगा, जो सरकारी गारंटी के साथ सुरक्षित है। ध्यान दें कि 5 लाख रुपये तक की FD पर सरकारी गारंटी मिलती है।


पत्नी के नाम FD कराने के फायदे


पत्नी के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट कराने के कई लाभ हैं। यदि आप अपने नाम पर FD कराते हैं, तो मिलने वाला ब्याज आपकी आय में जोड़ा जाता है, जिससे आपको टैक्स देना पड़ता है। वहीं, यदि FD पत्नी के नाम पर है, तो आप टैक्स से बच सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिकांश महिलाएं या तो कम टैक्स ब्रैकेट में आती हैं या हाउसवाइफ होती हैं, जिन पर टैक्स की देनदारी नहीं होती।

यदि FD से ब्याज एक वित्त वर्ष में 40,000 रुपये से अधिक है, तो 10% टीडीएस देना होता है। पत्नी की कम आय होने पर वह फॉर्म 15G भरकर टीडीएस से बच सकती हैं। आप जॉइंट FD बनाकर पत्नी को पहले धारक के रूप में रखकर भी टीडीएस और अधिक टैक्स से बच सकते हैं।