OYO Rooms: रितेश अग्रवाल की सफलता की कहानी

OYO Rooms की कहानी रितेश अग्रवाल की प्रेरणादायक यात्रा से भरी हुई है। 2013 में स्थापित इस कंपनी ने केवल 8 वर्षों में 75,000 करोड़ रुपये का कारोबार खड़ा किया है। रितेश की प्रारंभिक असफलताओं से लेकर OYO Rooms के वैश्विक विस्तार तक, यह लेख उनके संघर्ष और सफलता की कहानी को उजागर करता है। जानें कि कैसे OYO ने होटल इंडस्ट्री में क्रांति लाई और रितेश को दुनिया का दूसरा सबसे युवा सेल्फ-मेड बिलेनियर बनाया।
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OYO Rooms: रितेश अग्रवाल की सफलता की कहानी

OYO Rooms का उदय

OYO Rooms: रितेश अग्रवाल की सफलता की कहानी


OYO Rooms, जो कपल्स के बीच बेहद लोकप्रिय है, की स्थापना 2013 में हुई थी। इस कंपनी ने केवल 8 वर्षों में 75,000 करोड़ रुपये का कारोबार खड़ा किया है। इसके संस्थापक रितेश अग्रवाल हैं, जिनकी यात्रा एक समय केवल 30 रुपये की जेब से शुरू हुई थी। उनका पहला स्टार्टअप, ओरावेल स्टेज, असफल रहा था, और उस समय उन्हें अपने करियर का कोई स्पष्ट दिशा नहीं थी। लेकिन उन्होंने OYO Rooms जैसी विशाल कंपनी स्थापित कर दी। आइए जानते हैं कि OYO Rooms इतना बड़ा ब्रांड कैसे बना।


रितेश की प्रारंभिक यात्रा

रितेश अग्रवाल का जन्म ओडिशा के रायगढ़ जिले के भीषमकटक में हुआ। स्कूल के दिनों से ही उन्होंने उद्यमिता का सपना देखा था। परिवार की इच्छा पर, वे IIT की तैयारी के लिए कोटा गए, लेकिन पढ़ाई में उनका मन नहीं लगा। इसके बाद, उन्होंने यात्रा करना शुरू किया और कई होटलों में जाकर उनसे कहा कि वे होटल इंडस्ट्री की समस्याओं का समाधान करना चाहते हैं। कुछ होटल उन्हें रुकने देते थे, जबकि अन्य उन्हें भगा देते थे।


OYO की स्थापना

इस यात्रा के दौरान, रितेश ने लगभग 100 स्थानों पर 200 होटलों में ठहराव किया और होटल इंडस्ट्री की सबसे बड़ी समस्या को पहचाना। 2012 में, उन्होंने ओरावेल स्टेज नामक स्टार्टअप शुरू किया, जिसमें वे सस्ते होटलों के कमरों को बेहतर बनाते थे और ग्राहकों की तलाश करते थे। हालांकि, यह प्रयास सफल नहीं रहा और उन्हें भारी नुकसान हुआ। अब उनकी जेब में केवल 30 रुपये बचे थे।


OYO Rooms का विकास

2013 में, रितेश को थिएल फेलोशिप मिली, जिसमें उन्हें 1 लाख डॉलर (लगभग 75 लाख रुपये) मिले। उसी वर्ष, उन्होंने OYO Rooms की स्थापना की। OYO ने सस्ते होटलों को अपने साथ जोड़ा और उनकी ब्रांडिंग, मार्केटिंग, और ग्राहक प्रबंधन में सुधार किया। इससे होटल मालिकों का व्यापार दोगुना हो गया। OYO ने लोकेशन, गुणवत्ता और मूल्य पर ध्यान केंद्रित किया और पहले से मौजूद होटलों के साथ साझेदारी की।


OYO की रणनीतियाँ

OYO ने होटल सर्च, आसान बुकिंग, और ग्राहक संतोष पर ध्यान केंद्रित किया। इस एग्रीगेटर बिजनेस मॉडल ने तकनीक के माध्यम से ग्राहकों और भागीदारों के लिए काम को आसान बना दिया। अब केवल तीन क्लिक में कमरा बुक किया जा सकता था। OYO ने मौजूदा स्टाफ को प्रशिक्षण देकर उनकी क्षमताओं को बढ़ाया।


OYO Rooms: रितेश अग्रवाल की सफलता की कहानी


OYO का वर्तमान और भविष्य

OYO ने कपल्स के लिए रूम उपलब्ध कराने में मदद की और वर्तमान में 80 देशों के 800 शहरों में कार्यरत है। यह स्टार्टअप रितेश अग्रवाल को दुनिया का दूसरा सबसे युवा सेल्फ-मेड बिलेनियर बना चुका है। OYO Rooms इस समय IPO की तैयारी कर रहा है और अगले सप्ताह तक आवेदन कर सकता है। कंपनी 2021 के अंत तक लगभग 8,000 करोड़ रुपये के IPO जारी करने की योजना बना रही है। वर्तमान में, OYO Rooms के पास भारत में 68% मार्केट शेयर हैं।