FD छोड़ें! इन 5 निवेश योजनाओं में करें पैसा, मुनाफा सुनिश्चित
सर्वश्रेष्ठ निवेश योजनाएं
निवेश के लिए बेस्ट स्कीम्स.
भारतीय निवेशक अक्सर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को सबसे सुरक्षित विकल्प मानते हैं। इसमें न तो बाजार की उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है और न ही पूंजी के डूबने का डर होता है। लेकिन अब समय बदल चुका है। महंगाई में वृद्धि और बाजार की तेजी के चलते केवल FD में निवेश करना समझदारी नहीं रह गया है। यदि आप अपने पैसे पर अधिक ब्याज, बेहतर लिक्विडिटी और सुरक्षा चाहते हैं, तो आपके पास कई बेहतरीन विकल्प हैं। आइए जानते हैं वे 5 योजनाएं जो FD से अधिक लाभ दे सकती हैं।
ट्रेजरी बिल्स
यदि आप कुछ महीनों के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो ट्रेजरी बिल्स (T-Bills) एक उत्कृष्ट विकल्प हैं। ये 91, 182 और 364 दिन की अवधि के लिए जारी होते हैं। इन पर ब्याज नहीं मिलता, बल्कि इन्हें कम कीमत पर खरीदा जाता है और मैच्योरिटी पर पूरी राशि प्राप्त होती है। उदाहरण के लिए, ₹990 में खरीदे गए बिल की मैच्योरिटी पर ₹1,000 मिलते हैं। ये सरकार द्वारा 100% सुरक्षित माने जाते हैं।
आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स
ये बॉन्ड रिजर्व बैंक द्वारा 7 साल के लिए जारी किए जाते हैं और वर्तमान में इन पर 8.05% ब्याज दर है। खास बात यह है कि हर 6 महीने में इनकी ब्याज दर अपडेट होती है, जिससे यदि बाजार में दरें बढ़ती हैं, तो आपका रिटर्न भी बढ़ता है। इसलिए, जो निवेशक लंबे समय के लिए पैसा लगाना चाहते हैं, उनके लिए ये बॉन्ड एक बेहतरीन विकल्प हैं।
कॉरपोरेट बॉन्ड्स
कंपनियां अपने व्यवसाय के लिए फंड जुटाने के लिए कॉरपोरेट बॉन्ड्स जारी करती हैं। इन पर 9% से 11% तक ब्याज मिलता है, जो बैंक FD से काफी अधिक है। हालांकि, इसमें कुछ जोखिम होता है; यदि कंपनी डिफॉल्ट करती है, तो नुकसान हो सकता है। इसलिए निवेश करने से पहले उसकी क्रेडिट रेटिंग (AAA, AA, A आदि) की जांच अवश्य करें।
कॉरपोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट
कॉरपोरेट FD में आप कंपनियों को निश्चित समय के लिए पैसा देते हैं और इसके बदले में तय ब्याज प्राप्त करते हैं। इन पर बैंक FD से 1.5% से 2% अधिक रिटर्न मिल सकता है। जैसे कि Bajaj Finserv, Shriram Finance या Muthoot Capital जैसी NBFCs 8.5% या उससे अधिक ब्याज दे रही हैं। हालांकि, इनमें सरकारी बीमा नहीं होता, इसलिए AAA रेटेड कंपनियों के साथ ही निवेश करें।
सरकारी बॉंड्स
सरकारी बॉंड्स पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा समर्थित होते हैं, जिससे इनमें क्रेडिट रिस्क लगभग नगण्य होता है। ये उन लोगों के लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं जो स्थिर और निश्चित रिटर्न चाहते हैं। आमतौर पर इन पर 7% के आसपास ब्याज मिलता है। हालांकि, ब्याज दरों में बदलाव से इनके दाम में थोड़ी गिरावट आ सकती है, इसलिए ये लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए सबसे उपयुक्त हैं।
