ELSS, PPF और FD: कौन सा निवेश विकल्प है आपके लिए सही?

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच, निवेशकों के लिए सही विकल्प चुनना महत्वपूर्ण है। इस लेख में, हम ELSS, PPF और FD की तुलना करेंगे, ताकि आप जान सकें कि कौन सा विकल्प आपके लिए अधिक लाभकारी है। जानें कि किस योजना में कितना ब्याज मिलता है और कौन सा विकल्प आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर सकता है।
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ELSS, PPF और FD: कौन सा निवेश विकल्प है आपके लिए सही?

निवेश के बेहतर विकल्प की तलाश

ELSS, PPF और FD: कौन सा निवेश विकल्प है आपके लिए सही?

कौन सी स्कीम होगी बेहतर

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच, रिटेल निवेशकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे समझें कि उनके लिए कौन सा निवेश विकल्प सबसे उपयुक्त है। क्या उन्हें कम जोखिम उठाना चाहिए या अधिक ब्याज की तलाश करनी चाहिए? इस लेख में, हम ELSS, PPF और FD के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि आप जान सकें कि इनमें से कौन सा विकल्प आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।


ईएलएसएस, पीपीएफ और एफडी की तुलना

ईएलएसएस, पीपीएफ बनाम एफडी

  1. ELSS- यदि आप नहीं जानते हैं, तो जान लें कि इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है, जो धारा 80सी के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक की कर छूट प्रदान करता है। यह म्यूचुअल फंड शेयरों में निवेश करते हैं और इनकी लॉक-इन अवधि तीन साल होती है। सेबी के नियमों के अनुसार, ELSS म्यूचुअल फंड को अपनी कुल राशि का कम से कम 80 प्रतिशत शेयरों में निवेश करना होता है।
  2. PPF- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक सरकारी बचत योजना है, जो निश्चित रिटर्न प्रदान करती है। वर्तमान में, PPF पर ब्याज दर 7.1 प्रतिशत प्रति वर्ष है। ELSS की तरह, PPF में निवेश पर आयकर कानून की धारा 80सी के तहत हर साल 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है। PPF में 15 साल की लंबी लॉक-इन अवधि होती है।
  3. FD- फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भी बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली एक निवेश योजना है, जो लगभग 6-6.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर देती है। इन पर कोई कर छूट नहीं मिलती और इनसे होने वाली कमाई पर कर लगता है। हालांकि, इनमें कोई लॉक-इन अवधि नहीं होती है।


कहां मिलेगी ज्यादा छूट?

कहां मिलेगी ज्यादा छूट?

नई कर व्यवस्था में ELSS और PPF में निवेश पर छूट नहीं मिलती, तो क्या निवेशकों को इनसे दूर रहना चाहिए? विशेषज्ञों का मानना है कि किसी निवेश को केवल कर बचत के लिए नहीं देखना चाहिए। नई कर व्यवस्था में टैक्स बचाने के लिए किसी निवेश की आवश्यकता नहीं है। इससे ELSS फंड्स में निवेश में कमी आई है, क्योंकि कई मध्यम आय वर्ग के लोग नई कर व्यवस्था को चुन रहे हैं। लेकिन निवेश का उद्देश्य केवल टैक्स बचाना नहीं, बल्कि वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करना होना चाहिए। ELSS उन लोगों के लिए अभी भी अच्छा है जो शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं और अनुशासन बनाए रखना चाहते हैं। चूंकि ELSS में निवेश की गई राशि तीन साल तक नहीं निकाली जा सकती, यह निवेशकों को कम से कम तीन साल तक शेयरों में बने रहने और लाभ कमाने के लिए प्रेरित करता है।


कहां मिलता है ज्यादा रिटर्न

कहां मिलता है ज्यादा रिटर्न

रिटर्न के मामले में, PPF निवेश FD से बेहतर है। पहला, यह FD पर मिलने वाले 6-7 प्रतिशत ब्याज की तुलना में 7.1 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज देता है। वहीं, ELSS को अन्य दो विकल्पों से भी बेहतर माना जा रहा है। पिछले तीन वर्षों में, ELSS म्यूचुअल फंडों ने औसतन 17.10% प्रति वर्ष का रिटर्न दिया है। जबकि PPF 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ 7.1% का निश्चित रिटर्न देता है, FD लगभग 7% रिटर्न देती है। इसके विपरीत, शेयरों से जुड़े ELSS फंडों ने औसतन 5 साल में 20% से अधिक का सालाना रिटर्न दिया है। बाजार से जुड़े होने के बावजूद, इनका तीन साल का छोटा लॉक-इन और लंबे समय में धन बढ़ाने की क्षमता इन्हें विशेष रूप से युवा निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है।


निवेश के लाभ

म्यूचुअल फंड विविधीकरण, पेशेवर प्रबंधन और आसान निकासी की सुविधा भी प्रदान करते हैं, जो सीधे शेयरों या फिक्स्ड इनकम विकल्पों में नहीं होती। दिलचस्प बात यह है कि नई कर व्यवस्था की ओर बढ़ती रुचि के कारण वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 1,600 करोड़ रुपये की निकासी के बावजूद, ELSS उन निवेशकों के लिए सबसे अच्छा साधन बना हुआ है जो पुरानी व्यवस्था में रहते हैं और कर बचत के साथ विकास चाहते हैं.