2026 में रियल एस्टेट की कीमतों में भारी वृद्धि की संभावना

रियल एस्टेट बाजार में 2026 में घरों की कीमतों में भारी वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। प्रमुख डेवलपर्स का मानना है कि कीमतें 5 प्रतिशत से अधिक बढ़ेंगी, और कुछ का कहना है कि यह वृद्धि 25 प्रतिशत तक हो सकती है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि असली खरीदारों की मांग के कारण कीमतों में गिरावट की संभावना कम है। जानें इस स्थिति का आपके घर खरीदने के सपने पर क्या असर पड़ेगा और क्या कदम उठाने चाहिए।
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2026 में रियल एस्टेट की कीमतों में भारी वृद्धि की संभावना

घर खरीदने का सपना देख रहे हैं? 2026 में कीमतें बढ़ने की संभावना

2026 में रियल एस्टेट की कीमतों में भारी वृद्धि की संभावना

2026 में घर खरीदना होगा मुश्किल!

यदि आप अपने घर का सपना देख रहे हैं और सोचते हैं कि भविष्य में कीमतें कम हो सकती हैं, तो यह जानकारी आपको अपनी योजनाओं पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर सकती है। रियल एस्टेट बाजार के नवीनतम संकेत बताते हैं कि इंतजार करना आपकी आर्थिक स्थिति पर भारी पड़ सकता है। प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर्स का मानना है कि 2026 में घरों की कीमतें स्थिर नहीं रहेंगी, बल्कि इनमें उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।

क्रेडाई और सीआरई मैट्रिक्स द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट ने घर खरीदारों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, बाजार में मंदी की उम्मीद करना अब बेमानी है, क्योंकि अधिकांश डेवलपर्स कीमतों में वृद्धि के प्रति आश्वस्त हैं।

क्या 2026 में आपकी जेब पर पड़ेगा असर?

इस सर्वेक्षण के आंकड़े रियल एस्टेट क्षेत्र की स्थिति को स्पष्ट करते हैं। नवंबर और दिसंबर में 647 प्रतिभागियों पर किए गए इस सर्वे में एक स्पष्ट तस्वीर सामने आई है। 68 प्रतिशत डेवलपर्स ने कहा है कि 2026 में घरों की कीमतें 5 प्रतिशत से अधिक बढ़ेंगी।

हालांकि, चिंता की बात यह है कि 1 प्रतिशत डेवलपर्स का मानना है कि यह वृद्धि 25 प्रतिशत से भी अधिक हो सकती है। वहीं, 18 प्रतिशत का कहना है कि कीमतें 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ेंगी। राहत की उम्मीद करने वालों के लिए यह एक झटका हो सकता है, क्योंकि केवल 8 प्रतिशत डेवलपर्स को लगता है कि कीमतों में गिरावट आ सकती है। इसका मतलब है कि सस्ते घर मिलने की संभावना बहुत कम है।

बाजार में असली खरीदार, सट्टेबाज नहीं

यह आम धारणा है कि प्रॉपर्टी की कीमतें केवल निवेशकों या सट्टेबाजों के कारण बढ़ती हैं, लेकिन इस बार स्थिति भिन्न है। डेवलपर्स का कहना है कि बाजार में जो मांग है, वह उन लोगों की है जिन्हें वास्तव में घर में रहना है। इसे 'एंड-यूज़र' डिमांड कहा जाता है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग दो-तिहाई डेवलपर्स को उम्मीद है कि अगले वर्ष घरों की मांग में 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होगी। जब मांग असली खरीदारों से आती है, तो कीमतों में गिरावट की संभावना कम हो जाती है क्योंकि यह कृत्रिम तेजी नहीं होती। खरीदारों की यह निरंतर रुचि ही डेवलपर्स के विश्वास का मुख्य कारण है।

तकनीक और नियमों का प्रभाव

कीमतों में वृद्धि का एक बड़ा कारण निर्माण की लागत और प्रक्रिया भी है। क्रेडाई के अध्यक्ष शेखर जी पटेल के अनुसार, यह क्षेत्र अब पहले से कहीं अधिक व्यवस्थित हो रहा है। डेवलपर्स नई तकनीकों को अपनाकर काम की गति और गुणवत्ता में सुधार कर रहे हैं, लेकिन इसका सीधा असर लागत पर भी पड़ता है।

पटेल ने यह भी कहा कि यदि सरकार की ओर से प्रोजेक्ट्स को जल्दी मंजूरी मिलती है और नियमों में स्पष्टता रहती है, तो इससे सप्लाई में मदद मिलेगी। उनका मानना है कि सरल मंजूरी प्रक्रिया से न केवल प्रोजेक्ट समय पर पूरे होंगे, बल्कि शहरी विकास भी संतुलित तरीके से होगा।

रियल एस्टेट सेक्टर दीर्घकालिक मूल्य सृजन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है

सीआरई मैट्रिक्स और इंडेक्सटैप के सीईओ अभिषेक किरण गुप्ता का विश्लेषण बताता है कि रियल एस्टेट सेक्टर अब 'दीर्घकालिक मूल्य सृजन' पर ध्यान दे रहा है। इसका अर्थ है कि डेवलपर्स अनुशासित तरीके से सप्लाई बढ़ा रहे हैं, बिना अंधाधुंध प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए। जब सप्लाई नियंत्रित रहती है और मांग बढ़ती है, तो कीमतों का बढ़ना तय है।

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