सिबिल स्कोर: लोन डिफॉल्ट के बाद सुधारने के उपाय

लोन की आवश्यकता और सिबिल स्कोर का महत्व
चाहे आम व्यक्ति हो या कोई बड़ा व्यवसायी, किसी भी बड़े निवेश, घर बनाने या वाहन खरीदने के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता होती है, जिसे आमतौर पर बैंक या वित्तीय संस्थान से लोन के रूप में लिया जाता है।
EMI भुगतान और आर्थिक समस्याएं
आजकल लोग लोन का भुगतान मासिक किस्तों (EMI) के जरिए करते हैं, जिसमें हर महीने एक निश्चित राशि चुकाई जाती है। हालांकि, कभी-कभी अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है, जिससे EMI का भुगतान करना मुश्किल हो जाता है।
सिबिल स्कोर पर प्रभाव
यदि आप लोन का भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो बैंक आपके लोन को डिफॉल्ट श्रेणी में डाल देता है। भविष्य में यदि आप अपना लोन चुकता कर देते हैं, तो भी आपका सिबिल स्कोर लगभग दो वर्षों तक प्रभावित रहेगा।
सिबिल स्कोर के बारे में जानकारी
इस लेख में हम सिबिल स्कोर, उसे सुधारने के उपाय और भविष्य में लेनदेन पर इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे। यदि आप अंत तक हमारे साथ बने रहेंगे, तो आप अपने वित्तीय प्रबंधन को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।
खराब सिबिल स्कोर से होने वाली समस्याएं
सिबिल स्कोर आपकी वित्तीय स्थिति का एक संकेतक होता है, जो बैंकों और वित्तीय संस्थानों को आपकी ऋण चुकौती की स्थिति के बारे में जानकारी देता है। यदि आपका सिबिल स्कोर खराब है, तो आपको नए लोन के लिए आवेदन करने में कठिनाई हो सकती है।
सिबिल स्कोर सुधारने के उपाय
सिबिल स्कोर में सुधार के लिए सबसे पहले अपने लेनदेन को अपडेट रखें। सभी बिलों का भुगतान समय पर करें। यदि आपने लोन चुकता कर लिया है, तो NOC लेना न भूलें, क्योंकि यह आपके सिबिल स्कोर को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
CIBIL Score पर प्रभाव डालने वाले कारक
सिबिल स्कोर में आपके ऋण संबंधी रिकॉर्ड शामिल होते हैं, जिसमें यह दर्शाया जाता है कि आपने कब और कैसे लोन चुकता किया। यदि आप अपना सिबिल स्कोर चेक करते हैं, तो इससे आपकी रैंकिंग पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
सिबिल स्कोर के मानदंड
आप अपने सिबिल स्कोर की जांच कर सकते हैं, जो आमतौर पर 300 से 900 के बीच होता है।
- Excellent : 800-850
- Very good : 799-740
- Good : 739-670
- Nice : 699-580
- Very Poor : 579-300