भारत के निर्यात में वृद्धि: 2026 में भी जारी रहने की उम्मीद

भारत के निर्यात ने 2025 में अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च शुल्क के बावजूद मजबूती दिखाई है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2026 में भी निर्यात वृद्धि जारी रहेगी, विशेषकर नए मुक्त व्यापार समझौतों के कारण। जानें कैसे सरकार निर्यातकों को समर्थन दे रही है और किस प्रकार विभिन्न उद्योगों में निर्यात में वृद्धि हो रही है।
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भारत के निर्यात पर अमेरिका के शुल्क का प्रभाव

वर्ष 2025 में अमेरिका ने भारत के निर्यात पर लगभग 50 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया। इसके बावजूद, भारतीय निर्यात ने ट्रंप टैरिफ के प्रभाव को कम कर दिया और निर्यातकों ने अपने बाजारों को विविधित करके निर्यात में वृद्धि को बनाए रखा। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के टैरिफ से भारत को जितना नुकसान होने की आशंका थी, वह नहीं हुआ। इसके विपरीत, निर्यात में तेजी आई है, जिसका मुख्य कारण भारत की लंबे समय से की जा रही तैयारी और वैश्विक बाजारों में इसकी स्वीकार्यता है.


भारत के निर्यात में वृद्धि के आंकड़े

भारत का निर्यात 2020 में लगभग 276.5 अरब डॉलर था, जो 2021 में बढ़कर 395.5 अरब डॉलर और 2022 में 453.3 अरब डॉलर हो गया। 2023 में यह गिरकर 389.5 अरब डॉलर रहा, लेकिन 2024 में यह फिर से 443 अरब डॉलर तक पहुंच गया। वर्ष 2025 (जनवरी-नवंबर) तक इसका आंकड़ा लगभग 407 अरब डॉलर हो चुका है। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का माल और सेवा निर्यात ऐतिहासिक उच्च स्तर 825.25 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें सालाना आधार पर छह प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई.


2026 में निर्यात वृद्धि की संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि 2026 में भी भारत की निर्यात वृद्धि मजबूत रहने की संभावना है। तीन मुक्त व्यापार समझौतों (ब्रिटेन, ओमान और न्यूजीलैंड) के लागू होने से भारतीय वस्तुओं और सेवाओं को बेहतर बाजार पहुंच मिलेगी। अमेरिका द्वारा 2025 में उच्च शुल्क लागू करने के बावजूद, नवंबर 2025 में अमेरिका के लिए निर्यात 22.61 प्रतिशत बढ़कर 6.98 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो निर्यातकों के लिए सकारात्मक संकेत है.


सरकार की निर्यातकों के लिए सहायता

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने चेतावनी दी है कि 2025 में वैश्विक व्यापार केवल 2.4 फीसदी बढ़ सकता है। इसके मद्देनजर, सरकार ने निर्यातकों को सहायता देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें 25,060 करोड़ रुपये के निर्यात प्रचार मिशन और योग्य निर्यातकों को 20,000 करोड़ रुपये तक बिना गिरवी क्रेडिट सुविधा शामिल है.


2026 में निर्यात की संभावनाएं

निर्यात विशेषज्ञों के अनुसार, 2026 में भी भारत का निर्यात बढ़ेगा। घरेलू वस्तुओं और सेवाओं की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता, उत्पादों तथा बाजारों का विविधीकरण निर्यात को आगे बढ़ाएगा। विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में लगभग 39 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के कारण क्षमता निर्माण और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में गहरी हिस्सेदारी को दर्शाता है.