पेशाब मामला : डीजीसीए ने पायलट-इन-कमांड का निलंबन वापस लेने की अपील की
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को लिखे पत्र में फोरम ने कहा कि जांच की उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है और जांच और प्रवर्तन में महत्वपूर्ण कदमों को छोड़ दिया गया है।
यूनियनों ने डीजीसीए से पायलट-इन-कमांड के कठोर दंड और निलंबन को वापस लेने की अपील की है।
फोरम छह यूनियनों - इंडियन पायलट्स गिल्ड, इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन, एयर कॉपोर्रेशन एम्प्लॉइज यूनियन, एयर इंडिया एम्प्लॉइज यूनियन, ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन और एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का प्रतिनिधित्व करता है।
मंगलवार को लिखे गए पत्र में नागरिक उड्डयन मंत्री, उड्डयन सचिव, एयर इंडिया के सीईओ और सीओओ को भी चिन्हित किया गया है।
इससे पहले, मंगलवार को एयर इंडिया ने कहा कि उसने मामले की आंतरिक जांच बंद कर दी है और फ्लाइट के पायलट-इन-कमांड के लाइसेंस के निलंबन के खिलाफ अपील में भी मदद करेगी।
पत्र के अनुसार, पूरा क्रू पायलट-इन-कमांड के न्यायिक और परिचालन नियंत्रण में आता है।
पत्र में कहा गया है, यह इस आलोक में है कि पायलट-इन-कमांड ने सभी रिपोर्टों पर हस्ताक्षर किए और फिर केबिन पर्यवेक्षक को कंपनी के साथ अगले कदम पर चर्चा करने के लिए तुरंत कंपनी और उसके वरिष्ठ अधिकारियों को सभी रिपोर्टो को अग्रेषित करने का निर्देश दिया। किसी भी चश्मदीद के न होने को देखते हुए पायलट-इन-कमांड द्वारा अपने चालक दल के परामर्श से यह निर्णय लिया गया कि सीट 8सी पर बैठा यात्री (शंकर) मिश्रा अनियंत्रित नहीं था, उसे अनियंत्रित के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता था।
डीजीसीए ने 20 जनवरी को एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और 26 नवंबर, 2022 को हुई घटना में पायलट-इन-कमांड का लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया।
इसके अलावा, नियामक ने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने के लिए एयर इंडिया के इन-फ्लाइट सेवाओं के निदेशक पर 3 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
इससे पहले, सोमवार को ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन ने पायलट-इन-कमांड के खिलाफ कार्रवाई को असामान्य रूप से कठोर सजा करार देते हुए कहा कि एयर इंडिया पेशाब मामले के सिलसिले में हटाए गए एयर इंडिया के चालक दल को वापस उड़ानों में रोस्टर किया जाना चाहिए।
केबिन क्रू निकाय ने सोमवार को जारी एक पत्र में एयर इंडिया के पेशाब मामले में आंतरिक समिति के निष्कर्षो को त्रुटिपूर्ण करार दिया।
--आईएएनएस
एसजीके/एएनएम