पीटर शिफ की सोने में निवेश की सलाह, चांदी से बचने की चेतावनी

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री पीटर शिफ ने निवेशकों को सोने में निवेश करने की सलाह दी है, जबकि चांदी में जोखिम से बचने की चेतावनी दी है। उन्होंने चांदी की अस्थिरता और सोने की वर्तमान कीमतों पर अपने विचार साझा किए हैं। जानें कि क्यों शिफ का मानना है कि सोना खरीदने का यह सही समय है और चांदी में गिरावट का क्या कारण है।
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पीटर शिफ का निवेश पर नजरिया

नई दिल्ली: प्रसिद्ध अर्थशास्त्री पीटर शिफ ने निवेशकों को सोने में निवेश करने की सलाह दी है। उन्हें 'डॉक्टर डूम' के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने चांदी में निवेश करने से बचने की सलाह दी है। शिफ ने 2008 के वित्तीय संकट की भविष्यवाणी करके अपनी पहचान बनाई थी।


चांदी में जोखिम

शिफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि चांदी के बाजार में वर्तमान में बहुत अधिक जोखिम है। उन्होंने लिखा, 'फिजिकल चांदी खरीदने में अभी बहुत ज्यादा शॉर्ट-टर्म रिस्क है। हालांकि, मैं अपनी चांदी नहीं बेच रहा हूं। इसे खरीदने से पहले थोड़ी स्थिरता का इंतजार करना समझदारी होगी।'


सोने की खरीदारी का समय

सोने के प्रति शिफ का दृष्टिकोण सकारात्मक है। उन्होंने कहा, 'अब सोना खरीदने का सही समय है। यह 4,534 डॉलर पर बहुत सस्ता है।' उन्होंने यह भी बताया कि चांदी की तुलना में सोने में गिरावट का खतरा कम है।


चांदी की अस्थिरता

शिफ ने चांदी की अस्थिरता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि चांदी हाल की ऊंचाइयों से काफी गिर चुकी है। उन्होंने लिखा, 'चांदी अब उस कीमत से 3 डॉलर से अधिक नीचे है जब मैंने यह पोस्ट लिखा था। यदि यह गिरती रही, तो इसे खरीदना सुरक्षित होगा। मेरा अनुमान है कि सपोर्ट $70 से $75 के बीच होगा।'


कीमती धातुओं में गिरावट

सोमवार को कीमती धातुओं में गिरावट देखी गई। निवेशकों ने मुनाफा वसूली की और भू-राजनीतिक तनाव कम होने से सुरक्षित निवेश की मांग में कमी आई। स्पॉट गोल्ड 0.4% गिरकर $4,512.74 प्रति औंस पर आ गया, जबकि शुक्रवार को यह $4,549.71 का रिकॉर्ड बना था। स्पॉट सिल्वर 1.3% गिरकर $78.12 प्रति औंस पर आ गई।


चांदी और सोने का प्रदर्शन

इसके बावजूद, चांदी इस साल अब तक 181% बढ़ चुकी है, जो सोने से अधिक है। इसकी वजह यह है कि इसे अमेरिका का एक महत्वपूर्ण खनिज माना जाता है। इसकी सप्लाई सीमित है और औद्योगिक तथा निवेश की मांग बढ़ रही है। सोना भी 2025 में 72% बढ़ चुका है, जो अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों और केंद्रीय बैंकों की मजबूत खरीदारी का परिणाम है।