जीएसटी सुधार से उपभोक्ता बाजार में तेजी, महंगाई में कमी
जीएसटी सुधार का प्रभाव
दिवाली से पहले, सितंबर में मोदी सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया, जिसका प्रभाव अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। इस कदम ने देश की तीन बड़ी समस्याओं को एक साथ हल किया है: महंगाई, मांग में कमी, और उपभोक्ता बिक्री में गिरावट। यह कदम जीएसटी सुधार के रूप में सामने आया, जिसके तहत उपभोक्ता उत्पादों की कीमतों में कमी की गई। इसके परिणामस्वरूप महंगाई के आंकड़ों में गिरावट आई, मांग में वृद्धि हुई, और कंपनियों की बिक्री में तेजी आई। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी सुधार के बाद पहली तिमाही में देश के बिक्री वॉल्यूम में 9 से 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
घरेलू सामान की बिक्री में वृद्धि
अक्टूबर से दिसंबर के बीच, दैनिक उपभोक्ता वस्तुओं और किराने के सामान की बिक्री में पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। यह वृद्धि 22 सितंबर को जीएसटी में कमी के बाद आई मांग में तेजी का संकेत है। पहली तिमाही के आंकड़ों से पता चलता है कि उपभोक्ता बाजार में महंगाई के कारण कई तिमाहियों से चली आ रही मंदी को समाप्त करने का प्रयास सफल रहा है। रिसर्च फर्म नीलसनआईक्यू के अनुसार, दिसंबर तिमाही में बिक्री वॉल्यूम में 9-10 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पिछले वर्ष की 7.1 प्रतिशत से अधिक है।
प्रीमियम उत्पादों पर ध्यान
पार्ले प्रोडक्ट्स के उपाध्यक्ष मयंक शाह ने बताया कि जीएसटी सुधार के बाद बिक्री वॉल्यूम में स्पष्ट वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि अगले दो तिमाहियों में भी यह प्रवृत्ति जारी रहने की उम्मीद है, विशेष रूप से प्रीमियम उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। हालांकि, उपभोक्ता श्रेणियों में कीमतों में भारी कटौती के कारण मूल्य और राजस्व वृद्धि स्थिर रही।
जीएसटी सुधार के लाभ
जीएसटी में संशोधन के बाद, दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर टैक्स 12 या 18 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो गया। विप्रो कंज्यूमर केयर के सीईओ विनीत अग्रवाल ने कहा कि कई कारकों ने बिक्री वृद्धि में योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि कच्चे तेल की कीमतें कम हो रही हैं और मानसून भी अच्छा रहा है, जिससे स्थिति में सुधार हुआ है।
आउटलुक सकारात्मक
पिछले वर्ष के मध्य से आवश्यक वस्तुओं और ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण मांग में कमी आई थी। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के एमडी सुधीर सीतापति ने कहा कि भविष्य का दृष्टिकोण सकारात्मक है। जीडीपी वृद्धि अच्छी दिख रही है और उपभोक्ताओं के पास अधिक पैसा है, जिससे मांग में वृद्धि की उम्मीद है।
गांवों में मांग में वृद्धि
पिछली तिमाही में, कई लिस्टेड कंपनियों ने कहा कि सप्लाई चेन सामान्य होने के बाद वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही में वॉल्यूम-बेस्ड ग्रोथ की उम्मीद है। नीलसनआईक्यू के अनुसार, गांवों में मांग शहरों की तुलना में अधिक रही है, हालांकि शहरी केंद्रों से मांग में सुधार के संकेत भी मिल रहे हैं।
