जापानी कंपनी का श्रीराम फाइनेंस में बड़ा निवेश, 40 हजार करोड़ का सौदा

जापानी कंपनी मित्सुबिशी यूएफजी फाइनेंशियल ग्रुप ने श्रीराम फाइनेंस में 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। यह निवेश भारतीय एनबीएफसी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। जानें इस डील के पीछे की कहानी, निवेश के प्रभाव और श्रीराम फाइनेंस के तिमाही प्रदर्शन के बारे में। क्या यह निवेश भारतीय वित्तीय क्षेत्र में नई संभावनाएं खोलेगा? पूरी जानकारी के लिए पढ़ें।
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एफडीआई में नया मील का पत्थर

हाल के दिनों में एफडीआई पर चर्चा तेज हो गई है। संसद ने इंश्योरेंस क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई के बिल को मंजूरी दी है। लेकिन आज हम एक महत्वपूर्ण खबर लेकर आए हैं, जो फाइनेंशियल सेक्टर से संबंधित है। जापान की मित्सुबिशी यूएफजी फाइनेंशियल ग्रुप (एमयूएफजी) भारत की दूसरी सबसे बड़ी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) श्रीराम फाइनेंस में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 4.45 अरब डॉलर (लगभग 40,000 करोड़ रुपये) का निवेश करने की योजना बना रही है। आज श्रीराम फाइनेंस के निदेशक इस डील को मंजूरी दे सकते हैं।


डील की प्रक्रिया

मंगलवार को जापानी कंपनी ने एनबीएफसी को प्रस्ताव भेजा था। यदि स्थानीय एनबीएफसी इस प्रस्ताव को स्वीकार करती है, तो यह क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा एफडीआई होगा। हाल ही में, बैंकिंग रेगुलेटर आरबीआई ने नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे अब बैंक एनबीएफसी में इक्विटी हिस्सेदारी रख सकते हैं। इस बदलाव के बाद, जापानी बैंक का एनबीएफसी में निवेश काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दोनों के बीच बातचीत जून से चल रही थी।


निवेश का विवरण

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जब से इस डील पर चर्चा शुरू हुई है, तब से श्रीराम फाइनेंस के शेयर की कीमत में 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। समझौते के तहत, एमयूएफजी 40,000 करोड़ रुपये (4.45 अरब डॉलर) का निवेश करेगा। किसी भी निवेशक द्वारा शेयरों की सेकंडरी बिक्री नहीं की जाएगी। जानकारों के अनुसार, एमयूएफजी प्रति शेयर 842 रुपये का भुगतान करेगा, जो गुरुवार के बंद भाव 869.20 रुपये से 3.44 प्रतिशत कम है। इससे इसका मार्केट कैप 1.63 लाख करोड़ रुपये हो जाता है, जो शैडो लेंडर्स में बजाज फाइनेंस के बाद दूसरे स्थान पर है।


श्रीराम फाइनेंस में हिस्सेदारी

निवेश के बाद, प्रमोटर श्रीराम ओनरशिप ट्रस्ट और दक्षिण अफ्रीका की सैनलाम की हिस्सेदारी मौजूदा 25.39 प्रतिशत से घटकर 20.05 प्रतिशत हो जाएगी। ट्रस्ट अपने अधिकांश शेयर ग्रुप की होल्डिंग कंपनी श्रीराम कैपिटल के माध्यम से रखता है। शेष शेयर आम जनता और संस्थागत शेयरधारकों के पास हैं, जिनमें सिंगापुर सरकार (4.73 प्रतिशत), कोटक महिंद्रा एमएफ (2.09 प्रतिशत), फिडेलिटी (1.14 प्रतिशत) और सिंगापुर मॉनेटरी अथॉरिटी (1.07 प्रतिशत) शामिल हैं।


भविष्य की योजनाएं

एमयूएफजी की एक वरिष्ठ टीम इस अवसर पर भारत आ रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करके भारत के प्रति जापान की प्रतिबद्धता को दोहराएगी। यह जापानी वित्तीय सेवा कंपनी की भारत में दूसरी निवेश घोषणा है। पिछले साल, एमयूएफजी ने एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में 2 अरब डॉलर की हिस्सेदारी हासिल करने का प्रयास किया था, जो असफल रहा।


तिमाही प्रदर्शन

श्रीराम फाइनेंस ने वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में 43,019 करोड़ रुपये का लोन दिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10.24 प्रतिशत अधिक है। यह वृद्धि कमर्शियल व्हीकल, तीन पहिया, दोपहिया वाहनों और ट्रैक्टरों की बिक्री में वृद्धि के कारण हुई है। श्रीराम फाइनेंस के कार्यकारी उपाध्यक्ष उमेश जी रेवनकर ने 31 अक्टूबर को एक अर्निंग्स कॉल में दूसरी तिमाही की गति के जारी रहने की उम्मीद जताई।