केंद्र सरकार के नए श्रम कोड: जानें आपके वेतन और लाभ पर प्रभाव
नए श्रम कोड का परिचय
केंद्र सरकार ने नए श्रम कोड्स की घोषणा की है, जिसके अंतर्गत रोजगार से संबंधित कानूनों को चार मुख्य कोड्स में समाहित किया गया है। इन नए श्रम कोड्स ने वेतन, ग्रेच्युटी, भविष्य निधि (पीएफ), पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभों की गणना में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। ये परिवर्तन कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों पर प्रभाव डालेंगे। आइए जानते हैं कि ये बदलाव आपको कैसे प्रभावित करेंगे और क्या आपकी टेक-होम सैलरी में कोई बदलाव आएगा।
मजदूरी की नई परिभाषा
नए कोड्स में 'मजदूरी' की परिभाषा को मानकीकृत किया गया है। इसमें बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता (डीए) और अन्य भत्ते शामिल हैं जो कंपनी के कुल लागत (सीटीसी) का हिस्सा हैं। हालांकि, एचआरए, परिवहन लागत, नियोक्ता का पीएफ योगदान और कमीशन जैसे कुछ भत्ते इस परिभाषा से बाहर हैं। महत्वपूर्ण यह है कि ये छूट कुल पारिश्रमिक का 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती।
इसका मतलब है कि आपके सीटीसी का कम से कम आधा हिस्सा ग्रेच्युटी, पीएफ, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी), मातृत्व लाभ और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभों की गणना के लिए 'मजदूरी' के रूप में माना जाएगा।
ग्रेच्युटी और पीएफ में संभावित वृद्धि
ग्रेच्युटी की गणना में महत्वपूर्ण वृद्धि होने की संभावना है। पहले, ग्रेच्युटी की गणना सेवा के प्रत्येक पूर्ण वर्ष के लिए मूल वेतन और डीए के आधार पर की जाती थी। अब, यह आपके सीटीसी के कम से कम 50 प्रतिशत पर आधारित होगी।
हालांकि, नए नियमों के तहत पीएफ योगदान में कोई वृद्धि नहीं होगी। मौजूदा ईपीएफ, कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) और कर्मचारी डिपॉजिट-लिंक्ड इंश्योरेंस (ईडीएलआई) योजनाएं पहले से लागू हैं।
ग्रेच्युटी के पात्रता मानदंड
निश्चित अवधि के कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की न्यूनतम सेवा अवधि को 5 वर्ष से घटाकर 1 वर्ष कर दिया गया है। यदि किसी कर्मचारी का रोजगार अनुबंध समाप्त होता है, तो वह निश्चित अवधि का कर्मचारी माना जाएगा। स्थायी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के लिए 5 वर्ष की सेवा पूरी करनी होगी।
बदलावों का प्रभाव कब से होगा?
ग्रेच्युटी से संबंधित पूर्ववर्ती अधिनियम 21 नवंबर 2025 से समाप्त हो जाएगा, इसलिए नई वेतन परिभाषा के अनुसार ग्रेच्युटी की गणना पहले से लागू होगी। यह पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू होगा, जिसका अर्थ है कि जो भी 21 नवंबर के बाद नौकरी छोड़ता है या रिटायर होता है, उसे नई परिभाषा के अनुसार अधिक भुगतान मिलने की संभावना है।
क्या आपकी टेक-होम सैलरी प्रभावित होगी?
कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी पर तुरंत प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। ग्रेच्युटी का भुगतान नौकरी छोड़ने पर किया जाता है और यह मासिक वेतन से नहीं काटा जाता है। पीएफ योगदान 15,000 रुपए तक सीमित रहेगा, जिससे अधिकांश कर्मचारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि, 15,000 रुपए से कम कमाने वालों के योगदान में थोड़ी वृद्धि हो सकती है, जिससे टेक-होम सैलरी में कमी आ सकती है।
