स्विप-इन फिक्स्ड डिपॉजिट: निवेश का स्मार्ट तरीका

स्विप-इन फिक्स्ड डिपॉजिट: निवेश का एक नया विकल्प
बैंक डिपॉजिट: यदि आप अपने पैसे को निवेश करने की सोच रहे हैं, तो स्विप-इन फिक्स्ड डिपॉजिट एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है। यह न केवल फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज कमाने का अवसर देता है, बल्कि यह सेविंग अकाउंट जैसी सुविधाएं भी प्रदान करता है। यह निवेशकों को उनके बचत खाते में अतिरिक्त धनराशि को फिक्स डिपॉजिट में ट्रांसफर करने की अनुमति देता है। आइए जानते हैं कि स्विप-इन फिक्स्ड डिपॉजिट कैसे कार्य करता है।
स्विप-इन फिक्स्ड डिपॉजिट की कार्यप्रणाली
स्विप-इन फिक्स्ड डिपॉजिट एक स्वचालित सेवा है, जो आपके बचत खाते में एक निश्चित थ्रेसहोल्ड लिमिट से अधिक राशि होने पर उसे फिक्स डिपॉजिट में ट्रांसफर कर देती है। इसका मतलब है कि आपके बचत खाते में न्यूनतम राशि बनी रहती है, जबकि अतिरिक्त धन पर फिक्स्ड डिपॉजिट का ब्याज मिलता है।
यह सुविधा उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जिन्हें आपात स्थिति में अपने पैसे की तात्कालिक आवश्यकता होती है।
थ्रेसहोल्ड लिमिट और अनुकूलन
इस सेवा का उपयोग करने के लिए, आपको पहले अपने खाते की थ्रेसहोल्ड लिमिट निर्धारित करनी होती है। यह वह सीमा है, जिसके ऊपर का पैसा स्वतः फिक्स डिपॉजिट में ट्रांसफर हो जाता है।
उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹50000 की थ्रेसहोल्ड लिमिट तय की है और आपके खाते में ₹70000 हैं, तो ₹20000 फिक्स डिपॉजिट में ट्रांसफर हो जाएंगे।
- स्विप-इन फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि 1 वर्ष से 5 वर्ष के बीच होती है।
- बैंक न्यूनतम निवेश आमतौर पर ₹1000 की मल्टीपल में करते हैं, जबकि कुछ बैंक ₹1 से भी शुरूआत की अनुमति देते हैं।
ब्याज दरें: बैंक के अनुसार
स्विप-इन फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें सामान्य फिक्स्ड डिपॉजिट की दरों के समान होती हैं और यह निवेश की अवधि पर निर्भर करती हैं। विभिन्न बैंकों की ब्याज दरें निम्नलिखित हैं:
- एक्सिस बैंक: 5.75% – 7.00%
- एसबीआई बैंक: 4.75% – 6.50%
- एचडीएफसी बैंक: 4.50% – 7.00%
- पोस्ट ऑफिस: 6.90% – 7.50%
पैसे निकालने के नियम
स्विप-इन फिक्स्ड डिपॉजिट से राशि निकालते समय लास्ट इन फर्स्ट आउट पद्धति का उपयोग किया जाता है, यानी सबसे हालिया जमा की गई राशि पहले निकाली जाती है।
यह सुविधा बिना पेनल्टी के फिक्स्ड डिपॉजिट से राशि निकालने की अनुमति देती है, लेकिन निकाली गई राशि पर ब्याज केवल उतने दिनों का दिया जाता है, जितने दिन वह फिक्स डिपॉजिट में रही हो।