रामगढ़ बांध को मिलेगी नई जान: ईसरदा से पाइपलाइन परियोजना
रामगढ़ बांध का जलस्तर बढ़ाने की योजना
रामगढ़ बांध, जो शहर के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है, अब फिर से पानी से भरने वाला है। सरकार ने ईसरदा बांध से पाइपलाइन के माध्यम से पानी लाने के लिए 1915 करोड़ रुपये की लागत से संशोधित रामजल जल सेतु परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना के तहत, हैदराबाद की एक निजी कंपनी ने पाइपलाइन बिछाने के लिए स्ट्रीप सर्वे का कार्य पूरा कर लिया है और अब सर्वे रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करेगी। अगले तीन वर्षों में ईसरदा बांध का पानी रामगढ़ बांध में पहुंचने की उम्मीद है.
104 किमी लंबी पाइपलाइन का निर्माण
ईसरदा बांध से रामगढ़ बांध तक पानी लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। हैदराबाद की कंपनी की तकनीकी टीम ने शुक्रवार को पाइपलाइन बिछाने के लिए पट्टी सर्वेक्षण पूरा किया। इंजीनियरों के अनुसार, यह पाइपलाइन लगभग 104 किलोमीटर लंबी होगी.
पाइपलाइन की विशेषताएँ
यह पाइपलाइन 3000 एमएम (लगभग 10 फीट) व्यास की होगी और इसे तीन मीटर गहराई में स्थापित किया जाएगा। पानी को बांध तक पहुंचाने के लिए दो पंप हाउस या पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनके स्थान का निर्धारण जल्द किया जाएगा. सर्वेक्षण के दौरान समुद्र तल से ऊंचाई की माप भी की गई है.
20 किमी लंबी नहरों का निर्माण
इस परियोजना के अंतर्गत 80 से 85 किलोमीटर तक पाइपलाइन और लगभग 20 किलोमीटर में दो नहरें बनाई जाएंगी। यह परियोजना तीन वर्षों में पूरी होने की योजना है, जिससे रामगढ़ बांध फिर से भरने का सपना साकार होगा. उल्लेखनीय है कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने रामगढ़ बांध जीर्णोद्धार कार्यक्रम का शुभारंभ किया था.
श्रमदान अभियान का योगदान
रामगढ़ बांध जीर्णोद्धार कार्यक्रम के बाद, राजस्थान पत्रिका ने दो महीने तक श्रमदान कार्यक्रम चलाया, जिसमें मुख्य पाल की खुदाई और सफाई का कार्य किया गया। इससे बांध के स्वरूप में सुधार आया है, हालांकि इस वर्ष मानसून में अच्छी बारिश के बावजूद बांध में पानी की सीमित आवक हुई.
1915 करोड़ की स्वीकृति
ईसरदा से रामगढ़ बांध तक पानी लाने के लिए 1915 करोड़ रुपये की स्वीकृति राजस्थान सरकार ने अपने पहले बजट में दी थी, और इस योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
