भारत में कार उत्सर्जन मानकों पर निर्माताओं की चिंताएँ

निर्माताओं ने प्रस्तावित कार्बन उत्सर्जन सीमाओं का विरोध किया
ऑटोमोबाइल निर्माताओं ने प्रस्तावित कार्बन उत्सर्जन सीमाओं और हल्की कारों के लिए नए मानकों के खिलाफ आवाज उठाई है। निर्माताओं का कहना है कि दक्षिण एशियाई देशों के लिए ये नियम अत्यधिक सख्त हैं और इससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ सकता है।
नई दिल्ली के उत्सर्जन कटौती के योजनाओं पर चिंता
हालिया रिपोर्टों में बताया गया है कि निर्माताओं को नई दिल्ली की योजनाओं से चिंता है, जिसमें 2027 तक कार उत्सर्जन को एक तिहाई कम करने का लक्ष्य रखा गया है। यह लक्ष्य पिछले लक्ष्यों की तुलना में दोगुना तेज है, जिससे उद्योग की स्थिरता पर खतरा मंडरा रहा है।
भारतीय कॉर्पोरेट ईंधन दक्षता मानकों पर चर्चा
यह दस्तावेज़ भारतीय कॉर्पोरेट औसत ईंधन दक्षता मानकों के तीसरे चरण पर चर्चा का हिस्सा है, जिसे 2017 में पेश किया गया था। इनका उद्देश्य ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करना और तेल आयात पर निर्भरता को घटाना है। भारत दुनिया के सबसे बड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जकों में से एक है।
निर्माताओं की संयुक्त बैठक की योजना
निर्माताओं ने 2 जुलाई को नई दिल्ली में एक बैठक की योजना बनाई है, जहां वे परिवहन मंत्री के सामने अपनी बात रख सकेंगे। सरकार भारी मॉडलों के लिए अलग मानकों को लागू करने की योजना बना रही है, लेकिन निर्माताओं ने इसका विरोध किया है।
हाइब्रिड और गैस संचालित वाहनों के लिए प्रोत्साहन
मारुति और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड हाइब्रिड, इथेनॉल मिश्रण वाले मॉडलों और गैस संचालित कारों के लिए उत्सर्जन प्रोत्साहन की मांग कर रहे हैं।
2040 तक पेट्रोल और डीजल वाहनों की बिक्री समाप्त करने का विचार
भारत 2040 तक पेट्रोल और डीजल वाहनों की बिक्री समाप्त करने का विचार कर रहा है। हालांकि, इस प्रस्ताव का विरोध हो रहा है, क्योंकि इससे वर्तमान निवेश प्रभावित हो सकते हैं।
यूरोप में विकास और भारत की जरूरतें
हालिया उद्योग रिपोर्टों में यूरोप में हो रहे विकास की ओर इशारा किया गया है, जहां नियामक अपने 2035 के ईंधन कार प्रतिबंध पर पुनर्विचार कर रहे हैं। भारत को एक अधिक लचीले रोडमैप की आवश्यकता है।
भविष्य की नीतियों पर चर्चा
नए ऑटो निर्माताओं और सरकारी अधिकारियों के बीच प्रस्तावों पर चर्चा जल्द ही होगी, और इस संयुक्त बैठक का परिणाम भारत की स्वच्छ वाहन नीति को आकार देगा।