पटियाला पेग: एक ऐतिहासिक शराब का पेग और इसकी रोचक कहानी

पटियाला पेग का परिचय

शराब के शौकीनों के लिए आज का विषय बेहद दिलचस्प है। कुछ लोग बियर पसंद करते हैं, जबकि अन्य व्हिस्की के दीवाने होते हैं। चाहे आप शराब का सेवन करें या न करें, लेकिन पटियाला पेग के बारे में शायद ही कोई ऐसा हो जो न जानता हो। पंजाबी और बॉलीवुड गानों में इसका जिक्र अक्सर होता है। पंजाब में होने वाली शादियों में, जो कई दिनों तक चलती हैं, 'पटियाला पेग' की धूम रहती है। इन शादियों को 'द बिग फैट पंजाबी वेडिंग' भी कहा जाता है।
पटियाला पेग का नामकरण
अब यह सोचने वाली बात है कि इसे 'पटियाला पेग' क्यों कहा जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि इसका नाम पटियाला से क्यों जुड़ा है? यह शब्द आखिर आया कहां से और पूरी दुनिया में इसकी लोकप्रियता कैसे बढ़ी? आइए जानते हैं पटियाला पेग का इतिहास और इसकी विशेषताएं।
पटियाला पेग का इतिहास
आपकी जिज्ञासा को बढ़ाते हुए, 'पटियाला पेग' नाम कैसे पड़ा, यह जानना जरूरी है। यह नाम पटियाला के राजघराने से जुड़ा है। यह महाराज भूपिंदर सिंह की देन है, जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पिता थे और 1900 से 1938 तक पटियाला के महाराज रहे। अमरिंदर सिंह ने अपनी पुस्तक में इसका उल्लेख किया है। उन्होंने लिखा कि 'पटियाला पेग' नाम के पीछे महाराजा की अंग्रेजों की टीम को क्रिकेट मैच में हराने की इच्छा थी।
क्रिकेट और पटियाला पेग का संबंध
महाराज भूपिंदर सिंह क्रिकेट के शौकीन थे, इसलिए अंग्रेजों की एक टीम अक्सर उनके साथ खेलने आती थी। महाराजा ने उन्हें हराने के लिए योजना बनाई और मैच से पहले उन्हें पार्टी में बुलाते थे। इस पार्टी में, वे जानबूझकर उन्हें बड़े-बड़े व्हिस्की के पेग पिलाते थे। इसके कारण अंग्रेज भारी हैंगओवर के साथ मैच खेलने आते थे और महाराजा की टीम के सामने टिक नहीं पाते।
अंग्रेजों की शिकायत
जब अंग्रेजों को महाराज की चाल समझ में आई, तो उन्होंने शिकायत की। वायसराय के राजनीतिक दूत को भेजा गया। तब महाराजा ने जवाब दिया कि हमारे पटियाला में पेग बड़े होते हैं। इसी के बाद से ज्यादा व्हिस्की वाले पेग को पटियाला पेग कहा जाने लगा। पटियाला पेग में लगभग 120 मिलीलीटर व्हिस्की होती है। आमतौर पर, जब आप ग्लास पकड़ते हैं, तो आपकी छोटी अंगुली से लेकर अंगूठे तक की दूरी में व्हिस्की होती है। चार अंगुली वाले इसी पेग को पटियाला कहा जाता है।