BHEL का योगदान: वंदेभारत स्लीपर ट्रेन के लिए ट्रैक्शन मोटरों का निर्माण
BHEL का आत्मनिर्भर भारत में योगदान

BHEL ने आत्मनिर्भर भारत और 'मेक इन इंडिया' के लक्ष्यों को साकार करने के लिए कदम बढ़ाया है। भोपाल में, BHEL द्वारा निर्मित ट्रैक्शन मोटरों का उपयोग अगले वर्ष पहली वंदेभारत स्लीपर ट्रेन के परीक्षण में किया जाएगा। यह ट्रेन लगभग 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलने के लिए तैयार है। रेलवे ने BHEL के कंसोर्टियम को 80 मोटरों के निर्माण और 35 वर्षों तक उनके रखरखाव का कार्य सौंपा है। इन मोटरों का निर्माण BHEL और टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड मिलकर कर रहे हैं।
आर्डर मिलने के बाद, BHEL भोपाल यूनिट के इंजीनियरों की टीम ने वंदेभारत स्लीपर ट्रेन की बोगियों के लिए विशेष डिजाइन की चार-पोल, थ्री-फेस इंडक्शन ट्रैक्शन मोटरों का निर्माण शुरू कर दिया है।
BHEL की अन्य इकाइयां भी इस परियोजना में शामिल हैं। वंदेभारत ट्रेन के अन्य महत्वपूर्ण घटक, जैसे ट्रांसफार्मर झांसी में और कंट्रोल सिस्टम बेंगलुरु में बनाए जा रहे हैं। इन स्वदेशी मोटरों से वंदेभारत की गति में वृद्धि होगी, जिससे ट्रेन की रफ्तार में सुधार होगा। BHEL को मार्च तक ये मोटरें तैयार करके देनी हैं।
इस आदेश का कुल मूल्य लगभग 23 हजार करोड़ रुपये है, जिसमें ट्रेन सेटों की आपूर्ति का आदेश लगभग 9600 करोड़ रुपये का है। BHEL, जो थर्मल पॉवर और पावर सेक्टर में सबसे बड़ी स्वदेशी कंपनी मानी जाती है, ने परिवहन, उद्योग और सैन्य उपकरणों के क्षेत्रों में भी अपनी पहचान बनाई है। अब वंदेभारत स्लीपर ट्रेनों के लिए BHEL द्वारा निर्मित मोटरों का परीक्षण और चालूकरण जारी है। ये ट्रेनें लगभग 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी।
उपेंद्र कुमार सिंह, अतिरिक्त महाप्रबंधक (जनसंपर्क), BHEL भोपाल।
