Manual Car Tips: चलाते हैं मैनुअल कार तो बिल्कुल भी न करें ये गलतियां, वर्ना हो जाएगा भारी नुकसान

देश में अभी-भी बड़ी संख्या में लोग मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार को चलाना पसंद करते हैं। ऑटोमैटिक के मुकाबले इन्हें इसलिए पसंद किया जाता है क्योंकि इनमें अपने मुताबिक गियर शिफ्ट करना आसान होता है। 
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देश में अभी-भी बड़ी संख्या में लोग मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार को चलाना पसंद करते हैं। ऑटोमैटिक के मुकाबले इन्हें इसलिए पसंद किया जाता है क्योंकि इनमें अपने मुताबिक गियर शिफ्ट करना आसान होता है।

देश में अभी-भी बड़ी संख्या में लोग मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार को चलाना पसंद करते हैं। ऑटोमैटिक के मुकाबले इन्हें इसलिए पसंद किया जाता है क्योंकि इनमें अपने मुताबिक गियर शिफ्ट करना आसान होता है। मैनुअल कार चलाने के समय ज्यादातर लोग कई गलतियां करते हैं जिनके कारण कुछ समय बाद ही कार में परेशानियां आने लगती हैं। ऐसी ही परेशानियों से बचने के उपाय हम इस खबर में बता रहे हैं।

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क्लच दबाकर कार ना चलाएं

कुछ लोगों को आदत होती है कि वो जब भी कार चलाते हैं, उनका बायां पैर हमेशा क्लच पैडल पर होता है। ऐसा करने से आराम कम और नुकसान ज्यादा होने का खतरा होता है। कभी भी क्लच पैडल पर पैर रखकर चलाने से कार की क्लच प्लेट खराब होने का खतरा ज्यादा होता है। अगर एक बार सफर के बीच यह खराब हो जाए तो कार को हिलाना भी काफी मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा अचानक से ब्रेक लगाने की स्थिति में भी कार में ब्रेक की जगह क्लच पैडल दबने के कारण हादसा होने का खतरा भी होता है। कार चलाने का सही तरीका यह है कि जब भी कार चलाएं हमेशा गियर बदलते समय और ब्रेक लगाते समय ही क्लच पैडल का उपयोग करें। इसके अलावा इस पर पैर रखकर कार चलाने से नुकसान ज्यादा होता है।

रेड लाइट पर पैर को दें आराम

जब भी शहर के ट्रैफिक में कार चलाएं तो हमेशा रेड लाइट पर कार को रोककर अपने पैर को आराम दें। आमतौर पर लोग रेड लाइट पर ना तो कार को बंद करते हैं और ना ही कार को न्यूट्रल करते हैं। इन दोनों ही स्थितियों में कार का एवरेज कम होता है और इससे पैर को भी आराम नहीं मिलता। अगर रेड लाइट तीस सेकेंड से ज्यादा समय की है तो कार को बंद करना बेहतर होता है वहीं ऐसा करने पर पैर को भी आराम मिलता है। अगर कार बंद नहीं कर सकते हैं तो कम से कम कार को न्यूट्रल रखें इससे सफर के दौरान आपके पैर को आराम भी मिलेगा और कार बेहतर एवरेज देने के साथ ही रखरखाव में भी खर्च कम होगा।

गियर लीवर पर ना रखें हाथ

कार चलाते समय कुछ लोगों की आदत होती है कि वो गियर लीवर पर हाथ रखते हैं। ऐसा करना भी कार को नुकसान पहुंचाता है। गियर बदलते समय स्थिर रहने वाला सिलेक्टर फॉर्क रोटेटिंग कॉलर की ओर दब जाता है और कॉलर गियर को उस पोजिशन में लाता है जिसमें कार को चलाना चाहते हैं। गियर लीवर पर हाथ रखकर चलाने के कारण सिलेक्टर फॉर्क में नुकसान होने का खतरा रहता है साथ ही चलती कार में गियर बदलने का खतरा भी हो जाता है। इसलिए बेहतर है कि कार चलाते समय गियर लीवर को आर्मरेस्ट समझने की बजाय इसपर से हाथ हटाकर सफर का मजा लिया जाए।

गलत गियर में कार ना चलाएं

कभी भी कार को गलत गियर में नहीं चलाना चाहिए। कुछ लोग पहले गियर में ही कार को काफी समय तक दौड़ाते हैं। इससे कार के इंजन की उम्र कम हो जाती है। पहले गियर को सिर्फ कार उठाने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए और बाद में समय-समय पर गियर बदल लेना बेहतर होता है। निचले गियर में कार को लगातार चलाने से इंजन पर खराब असर तो होता ही है साथ ही उस समय कार को ताकत देने के लिए इंजन को ज्यादा ईंधन की खपत करनी पड़ती है ऐसे में ज्यादा तेल खर्च होता है और कम एवरेज मिलता है।

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कितने आरपीएम पर कार को चलाएं

सही गियर पर कार को चलाना जितना जरूरी होता है उतना ही जरूरी कार को सही स्पीड में रखना भी होता है। स्पीडोमीटर में स्पीड के साथ-साथ आरपीएम मीटर भी होता है। जिसमें यह पता चलता है कि कार का इंजन एक मिनट में कितनी बार घूम रहा है। आरपीएम जितना ज्यादा होता है कार में इंजन उतनी ही तेजी से घूमता है और यह जितनी तेजी से घूमता है उतना ही ज्यादा ईंधन की खपत करता है। इसके साथ कार के इंजन में अंदरूनी पार्ट्स भी जल्दी घिसते हैं। इसलिए जब भी कार को चलाएं हमेशा सही स्पीड और आरपीएम पर चलाएं। आमतौर पर कार को 1800 से 2500 आरपीएम के बीच चलाने से इंजन पर अतिरिक्त लोड नहीं आता और कार बेहतर एवरेज देने के साथ ही इंजन की उम्र लंबी होती है।

पहाड़ पर भी रखें गियर का ध्यान

मैदानी इलाकों में रहने वालों को पहाड़ पर कार चलाने में मुश्किल का सामना भी करना पड़ता है। कम अनुभव वाले मैदानी ड्राइवर जब भी पहाड़ पर कार चलाते हैं तो ज्यादातर लोग अपना बायां पैर क्लच पैडल पर रखते हैं। ऐसा करने पर कार के इंजन की पावर कट हो जाती है और ऊंचाई पर होने के कारण कार पीछे की ओर जाने का खतरा हो जाता है। ऐसा होने पर हादसा भी हो सकता है इसलिए जब भी पहाड़ पर कार चलाएं हमेशा जरूरत पड़ने पर ही क्लच का उपयोग करें। नहीं तो कार के रखरखाव पर ज्यादा पैसा और समय खर्च करना पड़ सकता है।