मां दुर्गा की मुस्कुराती मूर्ति: छिंदवाड़ा के कलाकार की अनोखी रचना

नवरात्रि के अवसर पर, छिंदवाड़ा के मूर्तिकार पवन प्रजापति ने मां दुर्गा की एक मुस्कुराती मूर्ति बनाई है, जो न केवल कला का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि यह सकारात्मकता और प्रेरणा का स्रोत भी है। इस मूर्ति ने कोविड-19 के कठिन समय में लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने का प्रयास किया है। जानें इस अनोखी कृति के पीछे की कहानी और इसके निर्माण की विशेषताएं।
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मां दुर्गा की मुस्कुराती मूर्ति: छिंदवाड़ा के कलाकार की अनोखी रचना

नवरात्रि का उत्सव और मां दुर्गा की भक्ति


नवरात्रि के पावन पर्व पर, देशभर में मां दुर्गा की पूजा का माहौल है। इस समय, पंडालों और घरों में देवी की भव्य मूर्तियों की स्थापना की जाती है। हालांकि, इस वर्ष कोविड-19 के नियमों के कारण प्लास्टर ऑफ पेरिस जैसी सामग्रियों से मूर्तियों के निर्माण पर प्रतिबंध है। ऐसे में, कलाकार अपनी रचनात्मकता का उपयोग कर आकर्षक मूर्तियां बना रहे हैं।


सोशल मीडिया पर छाई मुस्कुराती मूर्ति

इनमें से एक मूर्ति, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है, वह है मां दुर्गा की मुस्कुराती हुई जीवंत मूर्ति। यह मूर्ति इतनी सजीव प्रतीत होती है कि मानो माता रानी धरती पर साक्षात विराजमान हों।


छिंदवाड़ा के कलाकार की अनोखी कृति

यह अद्वितीय मूर्ति मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सिंगोड़ी गांव में स्थापित की गई है। इसे स्थानीय मूर्तिकार पवन प्रजापति ने तैयार किया है। उनकी इस कलाकृति ने न केवल जिले में, बल्कि आसपास के क्षेत्रों जैसे नरसिंहपुर, बैतूल, होशंगाबाद और सिवनी के लोगों को भी आकर्षित किया है।


मूर्ति के पीछे की प्रेरणादायक कहानी

पवन प्रजापति ने बताया कि कोविड-19 के दौरान लाखों लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया था, जिससे चारों ओर उदासी का माहौल था। ऐसे समय में, उन्होंने मां दुर्गा के मुस्कुराते चेहरे वाली मूर्ति बनाई ताकि लोगों के चेहरों पर मुस्कान लायी जा सके। उनका मानना है कि जब लोग इस मूर्ति के दर्शन करते हैं, तो वे अपने दुखों को भूलकर जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा पाते हैं।


पर्यावरण के अनुकूल निर्माण

पवन प्रजापति ने इस मूर्ति को केवल भूरी मिट्टी से बनाया है। उन्होंने प्लास्टर ऑफ पेरिस या अन्य प्रतिबंधित सामग्रियों का उपयोग नहीं किया है, जिससे यह मूर्ति पर्यावरण के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और समय के साथ इसमें कोई दरार नहीं आएगी।


निष्कर्ष

मां दुर्गा की यह मुस्कुराती मूर्ति न केवल कला का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि यह भावनाओं और सकारात्मक ऊर्जा से भी भरी हुई है। यह सभी के लिए प्रेरणा है कि कठिन समय में भी मुस्कान और आस्था हमें संबल दे सकती है।