परिवार केंद्रित कहानी प्रतियोगिता का आयोजन, साहित्यकारों को सम्मानित किया गया
नई दिल्ली में आयोजित एक संगोष्ठी में परिवार केंद्रित कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न वर्गों के कहानीकारों को पुरस्कार प्रदान किए गए। इस कार्यक्रम में साहित्य के महत्व और परिवार की भूमिका पर चर्चा की गई। मुख्य वक्ता मनोज कुमार ने भारतीय ग्रंथों के जीवन मूल्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में कई प्रमुख साहित्यकारों की उपस्थिति रही और पुरस्कार वितरण के दौरान 157 कहानियों का चयन किया गया। जानें इस कार्यक्रम की और खास बातें।
Jul 11, 2025, 19:55 IST
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संगोष्ठी और पुरस्कार वितरण समारोह
गुरुवार को नई दिल्ली के मालवीय स्मृति भवन में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् और हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में परिवार केंद्रित कहानियों पर चर्चा की गई और पुरस्कार वितरण समारोह भी आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता मनोज कुमार, जो अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री हैं, ने कहा कि रामायण और महाभारत जैसी पुस्तकें आज की दुनिया में सबसे अधिक पढ़ी जाती हैं। ये ग्रंथ जीवन के मूल्यों को स्थापित करते हैं। उन्होंने लेखकों को विभिन्न भाषाओं में नई शैली में लिखने के लिए प्रेरित किया।
परिवार का महत्व
विशिष्ट वक्ता डॉ. विनोद बब्बर ने बताया कि परिवार भारतीय संस्कृति का आधार है और यह प्रेम, सहिष्णुता, और नैतिकता का संचार करता है। उन्होंने कहा कि आजकल टूटते परिवार एक गंभीर समस्या बन गए हैं। प्रदेश मंत्री राकेश कुमार ने भी इस बात पर जोर दिया कि कहानी प्रतियोगिता में बाल कहानीकारों की भागीदारी ने सभी को आश्चर्यचकित किया।
पुरस्कार वितरण
कार्यक्रम में कुल 157 कहानियों का चयन किया गया। विभिन्न वर्गों में पुरस्कारों की घोषणा की गई। पहले वर्ग में पीहू यादव को ‘छोटी बहू’ कहानी के लिए द्वितीय पुरस्कार मिला। दूसरे वर्ग में रवि कुमार झा को ‘केवलपुर का सूरज’ के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। तीसरे और चौथे वर्ग में भी कई प्रतिभाशाली कहानीकारों को पुरस्कार दिए गए।
कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ। अतिथियों का स्वागत विभिन्न उपहारों से किया गया। इस अवसर पर कई साहित्यकारों और साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।