निशांत: श्याम बेनेगल की फिल्म का 50 साल का सफर और उसकी प्रासंगिकता

निशांत का 50वां वर्षगांठ

श्याम बेनेगल की निशांत में स्मिता पाटिल, नसीरुद्दीन शाह और शबाना आजमी
दिग्गज फिल्मकार श्याम बेनेगल की प्रतिष्ठित फिल्म 'निशांत' ने अपने रिलीज के 50 साल पूरे कर लिए हैं। यह फिल्म आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। 'निशांत' ने 1975 में कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में पुरस्कार जीते थे। यह बेनेगल की दूसरी फिल्म थी, जिसमें उन्होंने एक साल पहले 'अंकुर' बनाई थी। दोनों ही फिल्मों ने राष्ट्रीय पुरस्कार जीते, जिससे बेनेगल का करियर आगे बढ़ा।
यह फिल्म उस समय आई थी जब देश में आपातकाल लागू था और नागरिक अधिकारों का हनन हो रहा था। फिल्म की कहानी भले ही आजादी से पहले की हो, लेकिन यह 1975 के राजनीतिक और सामाजिक हालात से भी जुड़ी हुई है। फिल्म के अंत में जनता का आक्रोश सत्ता के खिलाफ स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
पुलिस और प्रशासन के हाथों में सत्ता
निशांत कई मायनों में एक मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह और स्मिता पाटिल जैसे कलाकारों ने अपने करियर की शुरुआत की। अमरीश पुरी ने जागीरदार अन्ना का किरदार निभाया, जो विलासिता में जीता है। कुलभूषण खरबंदा ने पुलिस पटेल की भूमिका निभाई, जबकि सत्यदेव दुबे मंदिर के पुजारी बने।
श्याम बेनेगल ने हमेशा से पर्दे पर संपूर्ण परिवेश को जीवंत बनाने की कोशिश की है। उनकी फिल्में कला सिनेमा की दुनिया में एक नई दिशा देने में सफल रही हैं।
सत्ता का दमन चक्र
फिल्म की कहानी में दिखाया गया है कि सत्ता के पास होने पर कैसे व्यवस्थाएं उसके नियंत्रण में होती हैं। गिरीश कर्नाड ने मास्टर का किरदार निभाया, जो जागीरदार के अत्याचारों का सामना करता है। उसकी पत्नी का अपहरण कर लिया जाता है, और उसके बाद मास्टर का संघर्ष शुरू होता है।
मास्टर न्याय की तलाश में हर संभव प्रयास करता है, लेकिन उसे कहीं से भी मदद नहीं मिलती।
शबाना आजमी और स्मिता पाटिल की पहली टक्कर
फिल्म में शबाना आजमी ने मास्टर की पत्नी का किरदार निभाया, जबकि स्मिता पाटिल ने जागीरदार की पत्नी का। दोनों के बीच की टकराव फिल्म में महत्वपूर्ण है। नसीरुद्दीन शाह का किरदार भी संवेदनशील है, लेकिन वह भी जनाक्रोश से नहीं बच पाता।
मास्टर को मंदिर के पुजारी का सहयोग मिलता है, और एक विशेष अनुष्ठान के दौरान गांव वाले जागीरदार की हवेली पर धावा बोल देते हैं।
श्याम बेनेगल की अंतरराष्ट्रीय पहचान
निशांत ने कई कलाकारों के करियर को नई दिशा दी। अमरीश पुरी बाद में कई कमर्शियल फिल्मों में प्रसिद्ध विलेन बने। नसीरुद्दीन शाह, स्मिता पाटिल, और शबाना आजमी जैसे कलाकारों ने इस फिल्म से ऊंचाइयां हासिल कीं।
इस फिल्म की कहानी प्रसिद्ध लेखक विजय तेंदुलकर ने लिखी थी। निशांत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली और इसे कई पुरस्कार मिले।