सुनीता विलियम्स और काव्या मन्यापु की सद्गुरु के साथ विज्ञान और अध्यात्म पर चर्चा
अंतरिक्ष यात्रा और अध्यात्म का संगम
सद्गुरु के साथ नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और अंतरिक्ष वैज्ञानिक काव्या मन्यापु.
नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और अंतरिक्ष वैज्ञानिक काव्या मन्यापु ने ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु के साथ विज्ञान और अध्यात्म पर गहन चर्चा की। यह कार्यक्रम बोस्टन में हार्वर्ड टीचिंग स्कूल में आयोजित किया गया, जहां कॉन्शस स्पेस एक्सप्लोरेशन (सचेत अंतरिक्ष अन्वेषण) विषय पर विचार-विमर्श हुआ। इस दौरान मानवता और ब्रह्मांड की समझ की खोज पर चर्चा की गई।
सुनीता विलियम्स ने अब तक नौ अंतरिक्ष यात्राएं की हैं, जो किसी महिला द्वारा की गई दूसरी सबसे अधिक यात्राएं हैं। उनका कुल अंतरिक्ष यात्रा समय 62 घंटे और 6 मिनट है, जो किसी महिला द्वारा किया गया चौथा सबसे अधिक समय है।
काव्या मन्यापु एक भारतीय-अमेरिकी एयरोस्पेस इंजीनियर हैं, जो वर्तमान में नासा में चंद्र अन्वेषण मिशन (आर्टेमिस कार्यक्रम) के लिए कार्यरत हैं। वह लगभग 10 वर्षों तक बोइंग की टीम का हिस्सा रहीं, जिसने CST-100 स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान विकसित किया।
अंतरिक्ष में खोज और अध्यात्म पर चर्चा
सद्गुरु ने इस बातचीत के बारे में सोशल मीडिया पर लिखा, ‘अन्वेषण’ का अर्थ है अनजान क्षेत्रों की यात्रा – चाहे वह आंतरिक हो या बाहरी। दोनों में अंतर यह है कि आप शुद्ध ज्ञान के लिए भीतर की ओर मुड़ते हैं, जबकि बाहरी यात्रा का उद्देश्य प्रभाव या उपयोगिता होती है।
उन्होंने आगे कहा, “दोनों ही जानने की मानवीय लालसा के बारे में हैं। अंतर केवल उस सीमा का है, जिसे हम पार करना चुनते हैं। अंतरिक्ष अन्वेषण में संलग्न ये दो अद्भुत महिलाएं – सुनीता विलियम्स और काव्या मन्यापु – मानव क्षमता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक हैं। उन्हें बधाई और शुभकामनाएं।”