सात्विक-चिराग ने हांगकांग ओपन में फाइनल में जगह बनाई
सफलता की नई शुरुआत
महत्वपूर्ण महीनों के बाद, भारत के प्रमुख पुरुष युगल जोड़ी सात्विकसैराज रैंकिरेड्डी और चिराग शेट्टी ने आखिरकार सफलता का स्वाद चखा है। उन्होंने हांगकांग ओपन सुपर 500 में 2025 सीजन का पहला फाइनल अपने नाम किया, जिसमें उन्होंने शनिवार को एक शानदार जीत दर्ज की।
विश्व रैंकिंग में नौवें स्थान पर काबिज इस जोड़ी ने आत्मविश्वास से भरी और संयमित खेल का प्रदर्शन करते हुए चीनी ताइपे के बिंग-वेई लिन और चेन चेंग कुआन को 21-17, 21-15 से हराया। इस जीत के साथ उन्होंने इस वर्ष छह बार सेमीफाइनल में हारने का सिलसिला तोड़ा। यह फाइनल में उनकी उपस्थिति राहत और पुरस्कार दोनों के रूप में आई है।
फाइनल की तैयारी
अपने स्थान पर वापस
सात्विक और चिराग के लिए यह वर्ष चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन उन्होंने सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद कई बार हार का सामना किया। हांगकांग में, उन्होंने पहले अंक से ही तेज और उद्देश्यपूर्ण खेल का प्रदर्शन किया।
उन्होंने नेट पर नियंत्रण रखा, आक्रामक शैली का लाभ उठाया, और दोनों खेलों के अंतिम क्षणों में संयम दिखाया, जिससे मैच 45 मिनट से भी कम समय में समाप्त हुआ।
फाइनल का इंतजार
आठवें वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी अब दूसरे सेमीफाइनल के विजेताओं का सामना करेगी - या तो चीन के लियांग वेई किंग और वांग चांग या ताइपे के फांग-चिह ली और फांग-जेन ली। किसी भी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ, सात्विक और चिराग फाइनल में आत्मविश्वास से भरे हुए होंगे और इस अवसर को एक लंबे समय से प्रतीक्षित खिताब में बदलने के लिए तैयार हैं।
महत्वपूर्ण महीनों के बाद, वे अब केवल एक कदम दूर हैं।
भारतीय बैडमिंटन के लिए इसका महत्व
सात्विक-चिराग की फाइनल में पहुंचना भारतीय बैडमिंटन प्रशंसकों के लिए एक बड़ा उत्साह है, खासकर पेरिस 2026 ओलंपिक के दृष्टिकोण में। आक्रामक खेल और कोर्ट पर सामंजस्य के लिए जाने जाने वाले इस जोड़ी ने पिछले कुछ वर्षों में पुरुष युगल में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद बनी है।
उनकी कठिनाइयों से उबरने की क्षमता और फिर से फाइनल में पहुंचना यह दर्शाता है कि चैंपियंस में मानसिक ताकत कैसे होती है।
अब जब उनकी नजरें खिताब पर हैं, तो पूरा भारत उनकी जीत की उम्मीद कर रहा है।