शुभमन गिल की आक्रामकता: क्या वह विराट कोहली के नक्शेकदम पर हैं?
लॉर्ड्स टेस्ट में गिल का आक्रामक व्यवहार
शुभमन गिल: इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन एक दिलचस्प घटना घटी, जिसने क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान खींचा। भारतीय टीम के युवा कप्तान शुभमन गिल ने मैदान पर कुछ ऐसा किया, जिससे फैंस का उत्साह तो बढ़ा, लेकिन उनके आक्रामक व्यवहार ने यह सवाल उठाया कि क्या गिल खुद को विराट कोहली का दूसरा संस्करण मानने लगे हैं?
जैक क्रॉली के साथ टकराव
जैक क्रॉली से भिड़ गए गिल
तीसरे दिन का अंतिम ओवर चल रहा था। भारत को दिन खत्म होने से पहले दो ओवर डालने थे, लेकिन इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज जैक क्रॉली जानबूझकर समय बर्बाद कर रहे थे। गेंदबाज ओवर डालने के लिए तैयार था, लेकिन क्रॉली बार-बार समय ले रहे थे। यह देखकर शुभमन गिल अपना आपा खो बैठे और क्रॉली के पास जाकर बहस करने लगे।
गिल की तुलना कोहली से
कोहली की याद दिला गए गिल
गिल का यह व्यवहार देखकर फैंस को विराट कोहली की याद आ गई। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने गिल की तुलना कोहली से की। कुछ ने उन्हें ‘कोहली का शिष्य’ कहा, जबकि अन्य ने टिप्पणी की कि गिल अब कप्तानी के साथ-साथ अभिनय भी कर रहे हैं। विराट कोहली की आक्रामकता भारतीय क्रिकेट की पहचान बन चुकी है, और अब गिल उसी दिशा में बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
गिल की आक्रामकता पर सवाल
हर छोटी बात पर दिखा रहे हैं “अकड़”
इस टेस्ट सीरीज में गिल का रवैया कई बार चर्चा का विषय रहा है। कभी अंपायर के फैसले पर गुस्सा, कभी विपक्षी खिलाड़ियों के साथ जुबानी जंग — अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या गिल हर छोटी बात पर जरूरत से ज्यादा आक्रामक हो रहे हैं? लॉर्ड्स टेस्ट की यह घटना केवल एक उदाहरण है। कप्तानी के दबाव में गिल शायद अपनी बॉडी लैंग्वेज को कोहली जैसा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनमें वह परिपक्वता नहीं है जो कोहली के पास थी।
क्रिकेट में संयम की आवश्यकता
क्रिकेट सिर्फ आक्रामकता का खेल नहीं है
एक कप्तान के रूप में गिल अभी अपने शुरुआती दौर में हैं। उनकी बल्लेबाजी में क्लास है, लेकिन नेतृत्व की जिम्मेदारी के साथ संयम भी जरूरी होता है। मैदान पर जरूरत से ज्यादा “अकड़” दिखाना उनके करियर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। क्रिकेट केवल आक्रामकता का खेल नहीं है, इसमें धैर्य और रणनीति भी महत्वपूर्ण होती है।