शराब पीने की आदत: जानें हैवी ड्रिंकिंग की सीमाएं और स्वास्थ्य पर प्रभाव
शराब पीने की आदतें और स्वास्थ्य पर प्रभाव
शराब पीने की आदतें कई लोगों को शराबी बना सकती हैं। कुछ लोग विशेष अवसरों पर शराब का सेवन करते हैं, जबकि अन्य इसे दैनिक जीवन का हिस्सा बना लेते हैं। शराब में मौजूद अल्कोहल इसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बनाता है।
जितनी अधिक शराब का सेवन किया जाएगा, उतना ही अधिक नुकसान शरीर को होगा। कई लोग अत्यधिक शराब पीने लगते हैं, जिसे अल्कोहल ओवरडोज कहा जाता है। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है। तो, सवाल यह है कि कितनी शराब को हैवी ड्रिंकिंग माना जाता है?
यूएस के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, यदि कोई पुरुष सप्ताह में 15 या उससे अधिक ड्रिंक्स का सेवन करता है, तो उसे हैवी ड्रिंकिंग माना जाता है। महिलाओं के लिए यह सीमा 8 ड्रिंक्स प्रति सप्ताह है। यदि कोई महिला या पुरुष रोज शराब का सेवन कर रहा है, तो वह अल्कोहल ओवरडोज का शिकार हो सकता है। खासकर गर्भवती महिलाओं को शराब से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह गर्भ में पल रहे बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि हैवी ड्रिंकिंग से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक अधिक शराब पीने से लिवर की बीमारियाँ, जैसे फैटी लिवर, हेपेटाइटिस और लिवर सिरोसिस हो सकती हैं। इसके अलावा, दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, जिसमें हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक शामिल हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे डिप्रेशन और चिंता जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, अधिक शराब का सेवन पेट में जलन, अल्सर और पाचन संबंधी समस्याएं भी पैदा कर सकता है। कई शोधों से पता चला है कि अधिक शराब पीने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे व्यक्ति अन्य बीमारियों का शिकार हो सकता है। इसलिए, शराब का सेवन सीमित करना चाहिए।