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शंकर मुथुसामी ने स्विस ओपन बैडमिंटन में किया बड़ा उलटफेर

भारत के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी शंकर मुथुसामी सुब्रमण्यन ने स्विस ओपन सुपर 300 टूर्नामेंट में डेनमार्क के विश्व नंबर दो खिलाड़ी एंडर्स एंटोनसेन को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। यह जीत उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मानी जा रही है। शंकर का अगला मुकाबला फ्रांस के क्रिस्टो पोपोव से होगा। इस बीच, अन्य भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा। जानें इस रोमांचक मुकाबले के बारे में और क्या हुआ अन्य खिलाड़ियों के साथ।
 

स्विस ओपन बैडमिंटन में शंकर की ऐतिहासिक जीत

Swiss Open Badminton

स्विस ओपन बैडमिंटन: भारत के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी शंकर मुथुसामी सुब्रमण्यन ने योनेक्स स्विस ओपन सुपर 300 टूर्नामेंट में एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की है। उन्होंने डेनमार्क के विश्व नंबर दो खिलाड़ी एंडर्स एंटोनसेन को तीन गेमों के रोमांचक मुकाबले में हराकर पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। 2022 वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता और वर्तमान में विश्व रैंकिंग में 64वें स्थान पर मौजूद 21 वर्षीय शंकर ने शानदार डिफेंस और दमदार स्मैश का प्रदर्शन करते हुए एंटोनसेन को 66 मिनट में 18-21, 21-12, 21-5 से मात दी। यह जीत उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मानी जा रही है।

तमिलनाडु के निवासी शंकर सुब्रमण्यन के लिए यह जीत उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। अब उनका अगला मुकाबला फ्रांस के विश्व रैंकिंग में 31वें नंबर के खिलाड़ी क्रिस्टो पोपोव से होगा, जिन्होंने इस सीजन में शानदार प्रदर्शन किया है। वर्तमान में, शंकर सुब्रमण्यन इस टूर्नामेंट में बचे हुए एकमात्र भारतीय एकल खिलाड़ी हैं। वहीं, महिला युगल वर्ग में भारत की त्रिसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की जोड़ी ने भी क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है। इस जोड़ी ने गुरुवार को जर्मनी की एमिली लेहमैन और सेलिन हब्श को सीधे सेटों में 21-12, 21-8 से हराकर शानदार जीत दर्ज की।

अन्य भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन

अन्य भारतीय खिलाड़ियों के लिए दिन कुछ खास नहीं रहा। इशरानी बरुआ को चीन की हान कियान शी के खिलाफ कड़े मुकाबले में 63 मिनट तक संघर्ष करना पड़ा, लेकिन वह 19-21, 21-18, 18-21 से हार गईं। वहीं, अनुपमा उपाध्याय को महिला एकल के एक अन्य मैच में इंडोनेशिया की पुत्री कुसुमा वर्दानी से 17-21, 19-21 से शिकस्त मिली। मिश्रित युगल में सतीश करुणाकरन और आद्या वरियाथ की जोड़ी को लियू कुआंग हेंग और झेंग यू चीह के खिलाफ 14-21, 16-21 से हार का सामना करना पड़ा।

इस बीच, शंकर मुथुसामी सुब्रमण्यन ने एंटोनसेन के खिलाफ बेहतरीन सटीकता और रणनीति के साथ खेल दिखाया। डेनमार्क के खिलाड़ी अपने शॉट्स पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे थे। पहले गेम में मुकाबला बेहद कड़ा रहा और लगातार बढ़त बदलती रही। ब्रेक तक एंटोनसेन को केवल एक अंक की बढ़त मिली थी। बाएं हाथ के खिलाड़ी सुब्रमण्यन ने स्कोर 16-14 तक पहुंचा दिया, लेकिन दबाव बनाए रखने में असफल रहे, जिससे एंटोनसेन पहला गेम जीतने में सफल रहे।

दूसरे गेम में मैच का रुख पूरी तरह बदल गया। सुब्रमण्यन ने शानदार लय में खेलते हुए एंटोनसेन को वापसी का कोई मौका नहीं दिया। डेनमार्क के खिलाड़ी की हताशा इस कदर बढ़ गई कि उन्होंने गुस्से में अपने रैकेट को लात मार दी। सुब्रमण्यन ने पहले 8-4 की बढ़त बनाई और ब्रेक तक स्कोर 11-6 कर लिया। इसके बाद उन्होंने एंटोनसेन की एक और गलती का फायदा उठाते हुए दूसरा गेम आसानी से अपने नाम कर लिया।

तीसरे गेम की शुरुआत में स्कोर 3-3 से बराबर रहा, लेकिन इसके बाद एंटोनसेन पूरी तरह से लय खो बैठे और कई गलतियां कीं। भारतीय खिलाड़ी ने ब्रेक तक 11-3 की मजबूत बढ़त बना ली और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। सुब्रमण्यन ने आत्मविश्वास के साथ खेलते हुए मुकाबला जीतकर इतिहास रच दिया।