युजवेन्द्र चहल की अधूरी ख्वाहिश, क्रिकेट से संन्यास लेने का समय आया
युजवेन्द्र चहल का क्रिकेट करियर
भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख लेग स्पिनर्स में से एक युजवेन्द्र चहल लंबे समय से टीम से बाहर हैं। उन्हें आखिरी बार जून 2024 में टी20 वर्ल्ड कप के लिए चुना गया था। हालांकि, घरेलू क्रिकेट में उनकी भागीदारी जारी रही, लेकिन चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करने में वे सफल नहीं हो पाए हैं।
हाल ही में यह जानकारी मिली है कि चयनकर्ता चहल को दोबारा टीम में शामिल नहीं करेंगे। इस बीच, चहल की एक अंतिम ख्वाहिश थी, जिसे बीसीसीआई की चयन समिति द्वारा पूरा नहीं किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि चहल जैसे खिलाड़ियों की बातों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
युजवेन्द्र चहल की अधूरी ख्वाहिश
युजवेन्द्र चहल की ये ख्वाहिश रह गई अधूरी
युजवेन्द्र चहल के समर्थक यह मानते हैं कि बीसीसीआई की प्रबंधन उनकी अंतिम इच्छा को पूरा नहीं करेगी। खेल प्रेमियों का कहना है कि चहल जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी को नजरअंदाज करना बेहद दुखद है।
चहल ने कई बार कहा है कि वे भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट में खेलना चाहते हैं और बेहतरीन प्रदर्शन करना चाहते हैं। उनके प्रथम श्रेणी क्रिकेट में प्रदर्शन भी शानदार रहा है, लेकिन बीसीसीआई की चयन समिति ने उन्हें टेस्ट खेलने का मौका नहीं दिया।
युजवेन्द्र चहल का करियर
ऐसा रहा है युजवेन्द्र चहल का करियर
युजवेन्द्र चहल का क्रिकेट करियर काफी सफल रहा है। उन्होंने भारतीय टीम के लिए केवल ओडीआई और टी20आई में खेला है। ओडीआई में उन्होंने 72 मैचों में 121 विकेट लिए हैं, जबकि टी20आई में 80 मैचों में 96 विकेट अपने नाम किए हैं।
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में चहल ने 44 मैचों में 127 विकेट लिए हैं। उनके प्रदर्शन को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि वे भारतीय क्रिकेट के बेहतरीन स्पिनरों में से एक हैं।